भगवान मृत्युन्जय को मेघों ने भी किया जलाभिषेक
कुशीनगर। त्रिनेत्र धारी भगवान मृत्युन्जय के पावन पवित्र श्रावण मास के शुरू होते ही मानव जाति के साथ मेघों ने भी विषघर नीलकण्ड को जलाभिषेक कर अपनें को कृतार्थ किया।
ज्ञातव्य हो कि श्रावण मास के महिना का गुणगान एक शिवानुयायी भली भाति जानता है। भोलेनाथ अपने भक्तों पर इस श्रावस मास में विशेष कृपा बरसाते है। तभी तो भक्त नंगे पाव सैड़कों किलों मीटर की यात्रा कर उनके दरवार में पहुचते है।
नाराणयी नदी के तट पर बसे कुशीनगर जनपद में कुबेरनाथ धाम से प्रसिद्ध शिवालय में जय भोले भण्डारी, नमः शिवाय, नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माडंग्रागाय महेश्वराय, नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै ’न’ कराय नमः शिवाय,, आदि तमाम स्वर व्यन्जनों की गंुज सुवह से ही शुरू हो गयी।
भक्तों को ताता लगा रहा और जल चढ़ाते रहे। किसी की मनौती रही तो किसी ने श्रद्धा से सदाशिव को जलाभिषेक किया। मानव श्रद्धा को देख मेघ भी द्रवित हो गयें और कुशीनगर जनपद के तमाम इलाकों में सदाशिव का जलाभिषेक किया।
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