राम भक्त हनुमान बनने वाले दारा सिंह का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन
मोतीलाल चौधरी
मुंबई। राम भक्त हनुमान बनने वाले दारा सिंह का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गए ,इनका गुरुवार की शाम चार बजे मुंबई के
विले पार्ले स्थित शवदाह केंद्र में अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम
संस्कार में कई फिल्मी हस्तियां मौजूद थीं। पहलवानी से बॉलीवुड में आए दारा
सिंह का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार की सुबह निधन हो गया था।
गुरुवार सुबह साढ़े सात बजे 'रुस्तम ए हिं द' ने आखिरी सासे लीं। ब्रेन डेड
घोषित किए जाने के बाद और दवाओं के लगातार बेअसर साबित होने के बाद दारा को
बुधवार रात उनके घर ले जाया गया था। परिजनों और बेटे बिंदू दारा सिंह की
इच्छा थी कि दारा सिंह घर पर ही अंतिम सास लें।
दारा सिंह बीते दस दिन से वो मुंबई के कोकिला बेन अस्पताल में भर्ती थे।
उनके स्वास्थ्य में बेहतरी के लिए पूरा देश प्रार्थना कर रहा था। डॉक्टरों
की लाख कोशिशों के बावजूद उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। ऐसे
में दारा सिंह अंतिम वक्त में अपने घर पर रहना चाह रहे थे।
दारा का इलाज कर रहे डॉक्टर आर के अग्रवाल ने बताया कि उनकी मौत सुबह
साढ़े सात बजे हुई। दारा सिंह का वेंटिलेटर हटाकर उन्हें घर ले जाया गया
था। डॉक्टर ने बताया कि वेंटिलेटर हटाने का फैसला बिंदू सिंह और परिवार के
सदस्यों का था।
84 वर्षीय अभिनेता को सात जुलाई को दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में
भर्ती कराया गया था। तभी से वह आइसीयू में थे। अस्पताल के चीफ ऑपरेटिंग
ऑफिसर डॉक्टर राम नारायण ने बुधवार रात कहा था कि एमआरआइ से यह पता चला है
कि ऑक्सीजन की कम आपूर्ति होने के कारण उनके मस्तिष्क को काफी नुकसान
पहुंचा है।
कुश्ती चैंपियन रहे दारा सिंह ने 50 के दशक में फिल्म जगत में कदम रखा
था। 'किंग कांग' और 'फौलाद' जैसी फिल्मों से उन्हें खास पहचान मिली। उनकी
अंतिम फिल्म इम्तियाज अली की 'जब वी मेट' थी। इस फिल्म में दारा सिंह ने
करीना कपूर के दादा का किरदार निभाया था।
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