बिहार में 2 करोड़ से ज्यादा आधार कार्ड बने
पटना । भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने बिहार की 10 करोड़ 41 लाख जनसंख्या
(2011 की जनगणना के अनुसार) में से 2 करोड़ से ज्यादा लोगों के आधार कार्ड
बनाए हैं। स्थानीय स्तर पर कार्ड बनाने की गति इतनी तेज है कि दो जिलों
किशनगंज और अरवल में 50 प्रतिशत से ज्यादा निवासियों के आधार कार्ड बन
चुके हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि हर दूसरे निवासी का आधार कार्ड बन
चुका है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को इस साल के आरम्भ में 4 नए
राज्य आवंटित किए गए थे जिसमें बिहार भी शामिल है। वर्तमान में 1 लाख 50
हजार लोगों का नामांकन प्रतिदिन 37 जिलों में 3236 कार्यरत केन्द्रों पर
यह कार्य के जरिए हो रहा है। 9 गैर-राज्य पंजीयकों के तहत 44 नामांकित
एजेंसियों द्वारा बिहार में कार्य किया जा रहा है और उम्मीद है कि राज्य
पंजीयक, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार द्वारा दिए गए लक्ष्य को शीघ्र
ही हासिल कर लिया जाएगा।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण अब तक 70 करोड़ 8 लाख आधार नम्बर जारी कर चुका है। 9 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में 90 प्रतिशत आधार कार्ड लक्ष्य हासिल कर लिया गया है, जिसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश वहीं, 7 अन्य राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में 75 से 90 प्रतिशत तक आधार कार्ड का कार्य पूरा हो चुका है।
बिहार में 2 करोड़ से अधिक आधार कार्ड नम्बर पाने वाले लोगों को अब बैंक खाता खुलवाने, सिम कार्ड खरीदने, पैन कार्ड लेने, रसोई गैस कनेक्शन लेने जैसे कार्यों में सुविधा होगी। आने वाले दिनों में विभिन्न संस्थानों/एजेंसियों में आधार कार्ड के आधार पर विभिन्न तरह की सेवाएं उपलब्ध होंगी।
आधार एक 'डिजिटल पहचान' पत्र है जो 'कभी भी' 'कहीं भी' उस व्यक्ति की पहचान को प्रमाणित करेगा जो उसके भौगोलिक और बॉयोमैट्रिक जानकारी से लैस होगा। इसमें किसी तरह की नकल या फर्जीवाड़ा की संभावना नहीं रहेगी।
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