भारतीय रेल विकास इंजन के साथ- साथ देश का पावर हाउस है : सुरेश प्रभु
नई दिल्ली। रेल मंत्री का पदभार संभालने पर रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर
प्रभु ने सभी रेलकर्मियों तथा महिला कर्मियों को रस्मी संदेश भेजा है।उन्होंने कहा की ''देशवासियों को सबसे अच्छी यातायात सुविधा देने तथा देश के आर्थिक विकास
को गति देने की बड़ी जिम्मेदारी हमारी है। मैं आप सभी को अपने परिवार का
सदस्य समझता हूं और इस महान संगठन के शीर्ष पर मैं स्वयं को आपके परिवार
का प्रमुख समझता हूं।
भारतीय रेल विकास इंजन के साथ-साथ देश का पावर हाउस है। आज के विश्व में इसकी महता न केवल यात्रियों की संख्या, टनों में लोड और परिवहन नेटवर्क आकार सृजित राजस्व तथा कर्मचारियों की विशाल संख्या के कारण है, बल्कि प्रत्येक भारतीय नागरिक के साथ रेल के घनिष्ठ संबंध के कारण भी है।
लेकिन, जैसा कि यह सभी गतिशील प्रणाली के लिए सच्च है, गति को आगे ले जाने में समय-समय पर कदम उठाने के लिए उत्प्रेरक की आवश्यकता होती है। मैं चाहूंगा कि यह उत्प्रेरक आप बनें और भविष्य में भारत को आगे ले जाने के साथ-साथ भारतीय रेल को भी आगे ले जाएं।
मैं चाहूंगा कि आप रेल प्रणाली की उन्नति, प्रगति तथा भविष्य में इसकी छलांग के लिए रेल प्रणाली को अपना मानेंगे-समझेंगे। लियो टॉलस्टॉयल ने कहा था '' हर कोई दुनिया बदलने की सोचता है, लेकिन स्वयं को बदलने की कोई नहीं सोचता।''
यदि हम चाहते हैं कि प्रणाली में आवश्यक परिवर्तन हों, तो हम सभी को इसका पालन करना होगा। हमारा ध्यान यात्रियों और कर्मचारियों की सर्वाधिक सुरक्षा तथा उपभोक्ता को प्रस्तुत सेवाओं की गुणवत्ता पर होना चाहिए। मस्तिष्क में उपरोक्त लक्ष्यों को रखते हुए हम सभी को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की धुरी और देश की जीवन रेखा और इसे बांधने वाले तत्व के रूप में भारतीय रेल को बनाए रखने में अपनी भूमिका के प्रति प्रतिबद्ध होना होगा।'' सुरेश प्रभु ने सभी रेलकर्मियों तथा महिलाओं के प्रति शुभकामना व्यक्त की।
भारतीय रेल विकास इंजन के साथ-साथ देश का पावर हाउस है। आज के विश्व में इसकी महता न केवल यात्रियों की संख्या, टनों में लोड और परिवहन नेटवर्क आकार सृजित राजस्व तथा कर्मचारियों की विशाल संख्या के कारण है, बल्कि प्रत्येक भारतीय नागरिक के साथ रेल के घनिष्ठ संबंध के कारण भी है।
लेकिन, जैसा कि यह सभी गतिशील प्रणाली के लिए सच्च है, गति को आगे ले जाने में समय-समय पर कदम उठाने के लिए उत्प्रेरक की आवश्यकता होती है। मैं चाहूंगा कि यह उत्प्रेरक आप बनें और भविष्य में भारत को आगे ले जाने के साथ-साथ भारतीय रेल को भी आगे ले जाएं।
मैं चाहूंगा कि आप रेल प्रणाली की उन्नति, प्रगति तथा भविष्य में इसकी छलांग के लिए रेल प्रणाली को अपना मानेंगे-समझेंगे। लियो टॉलस्टॉयल ने कहा था '' हर कोई दुनिया बदलने की सोचता है, लेकिन स्वयं को बदलने की कोई नहीं सोचता।''
यदि हम चाहते हैं कि प्रणाली में आवश्यक परिवर्तन हों, तो हम सभी को इसका पालन करना होगा। हमारा ध्यान यात्रियों और कर्मचारियों की सर्वाधिक सुरक्षा तथा उपभोक्ता को प्रस्तुत सेवाओं की गुणवत्ता पर होना चाहिए। मस्तिष्क में उपरोक्त लक्ष्यों को रखते हुए हम सभी को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की धुरी और देश की जीवन रेखा और इसे बांधने वाले तत्व के रूप में भारतीय रेल को बनाए रखने में अपनी भूमिका के प्रति प्रतिबद्ध होना होगा।'' सुरेश प्रभु ने सभी रेलकर्मियों तथा महिलाओं के प्रति शुभकामना व्यक्त की।
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