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हर रोज होतीं हैं कुशीनगर में दुर्घटनाए



  • विगत पाॅच बर्षो में मरने वालों की संख्या पहुच गयी हजार के पार 

टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो 
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश में कुशीनगर की सड़कों पर वाहन चालको की लापरवाही से दुर्घटनाओं का सिलसिला तेज है। विगत पाॅच बर्षो में 1827 दुर्घटनाओं के दौरान 1000 से अधिक लोगों की जान चली गयी है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक जनसंख्या के साथ वाहनांे की बढ़ती सख्या के कारण देश में किसी भी महामारी, दैवी अपादाओं जैसे तुफान, बाढ़, भूकम्प आदि में जितनी मौते होती उससे कई गुना सड़क दुर्घटनाओं में होती है। बर्ष 2011 में सर्वाधिक 4.97 लाख दुर्घटनाएं हुयी जिसमें 1.42 लाख लोगों की मौत हो गयी और 5.11 लाख लोग घायल हो गये। यानि भारत मे प्रत्येक मिनट पर एक सड़क दुर्घटना होती है, और प्रत्येक चार मिनट पर सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु होती है। 
जिनमे 78 फिसदी दुर्घटनाएं वाहन चालकों की गलती से होतीं हंै। उनके साथ 2.7 फिसदी इन दुर्घटनाए पैदल चलने वाले के कारण होती है। इन दुर्घटनाओं को अंजाम देने में 1.2 प्रतिशत हिस्सेदारी साईकिल चालक, 1.2 प्रतिशत खराब सड़के, 1.7 प्रतिशत खराब वाहन, 1 प्रतिशत खराब मौसम व 1.42 प्रतिशत हिस्सेदारी अन्य की होती है। 
एक नजर कुशीनगर की आकड़ों पर डाले तो यहां की सड़कों पर प्रति दिन न्युनतम एक दुर्घटना घटती रहती है। दिन प्रतिदिन दुर्घटनाओ मे काफी वृद्धि हुई है। कुशीनगर में प्रत्येक  वर्ष 200 से अधिक व्यक्तियों की दुर्घटनाओं के कारण मौत हो जाती है। उसके बाद भी इन दुर्घटनाओं का सिलसिला नही रूकता। सबसे बड़ी लापरवाही वाहन चालको की होती जिसका प्रमुख कारण यातायात नियमों की अनदेखी करना है। पिछले पांच वर्षों मे कुशीनगर की सड़कों पर 1828 दुर्घटनाओं हुयी है। जिसमें मरने वालों की संख्या 1000 से अधिक है। वही स्थित घायलों की भी है। विगत पांच बर्षो अब तक कुशीनगर में किसी भी कारण से इतनी मौते नही हुयी।
इन दुर्घटनाओं को लेकर प्रशासन वाहन चालको सहित आम जनता को जागरूक करने के लिए यातायात माह मना रहा है। कुशीनगर में जगह-जगह रैली, गोष्ठियां, कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। उसके बाद भी लापरवाही का आलम जारी है।  

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