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भारत अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म समारोह-2014 की रंगारंग शुरूआत


  • सितारों की मौजूदगी में रोमांचकारी प्रस्‍तुतियां 
  • पणजी में उमड़ा सितारों का समूह: ‘द प्रेसिडेंट’ के प्रदर्शन से शुरूआत 
  • रजनीकांत ने शताब्‍दी पुरस्‍कार प्राप्‍त किया 

पणजी बीते दौर की यादें ताजा करने वाली रोमांचकारी प्रस्‍तुतियों के बीच 45वें भारत अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म समारोह की आज रंगारंग शुरूआत हुई। अभिनेता अनुपम खेर और अभिनेत्री रवीना टंडन के संचालन के साथ गोवा की राज्‍यपाल श्रीमती मृदुला सिन्‍हा, केन्‍द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अरूण जेटली, रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर, गोवा के मुख्‍यमंत्री श्री लक्ष्‍मीकांत पार्सेकर, सूचना एवं प्रसारण राज्‍य मंत्री श्री राज्‍यवर्धन सिंह राठौर, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव श्री बिमल जुल्‍का, मुख्‍य अतिथि, विख्‍यात अभिनेता अमिताभ बच्‍चन, सम्‍मानित अतिथि, प्रतिष्ठित अभिनेता रजनीकांत ने दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर समारोह का शुभारम्‍भ किया। इस अवसर पर अंतर्राष्‍ट्रीय ज्‍यूरी के अध्‍यक्ष श्री सलाओमिरइदजियाक, श्री झांग जियानया, नाडिया द्रेष्टि, मैरी ब्रेनर और प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री सीमा बिश्‍वास ने भी उपस्थिति दर्ज की। 

बीते दौर की अभिनेत्री और नृत्‍यांगना पद्मिनी की भतीजी शोभना पिल्‍लई की अपने समूह के साथ आकर्षक प्रस्‍तुतियों ने दर्शकों के स्‍मृति पटल पर भारतीय सिनेमा की प्रसिद्ध नृत्‍य प्रस्‍तुतियों की यादें ताजा कर दीं। ‘होठों पे ऐसी बात में दबा के चली आई’ और ‘पिया तो से नैना लागे रे’ जैसे नृत्‍यों ने फिजा में स्‍वप्‍निल जादू बिखेरते हुए सभी को मंत्रमुग्‍ध कर दिया। इस अवसर पर उपस्थित अन्‍य जानी-मानी हस्तियों में सतीश कौशिक, मनोज बाजपेयी और रूपा गांगुली शामिल थे। 

इस अवसर पर केंद्रीय वित्‍त, कम्‍पनी मामले और सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि गोवा जिस तरह से हरा-भरा, स्‍वच्‍छ, शांतिपूर्ण एवं आवभगत की भावना से भरपूर नजर आता है उसके मद्देनजर भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव के आयोजन के लिए गोवा से बेहतर कोई और स्‍थल नहीं हो सकता। उन्‍होंने कहा कि भारत में क्रिकेट अगर धर्म है, तो सिनेमा वैकल्पिक धर्म है। उन्‍होंने यह भी कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय डिजिटल मोड में भारतीय सिनेमा के समूचे रिकॉर्ड के संरक्षण के लिए राष्‍ट्रीय फिल्‍म धरोहर मिशन का आगाज़ कर विरासत के संरक्षण में अपनी भूमिका निभा रहा है। 

रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर ने गोवा के लोगों में ढांचागत सुविधाओं के निर्माण की अद्भुत क्षमता का जिक्र करते हुए उम्‍मीद जताई कि अगले महोत्‍सव का आयोजन गोवा स्थित दोना पाउला में बन रहे स्‍थायी कार्यक्रम स्‍थल पर होगा। 

फिल्‍मोत्‍सव के आयोजन के वास्‍ते गोवा को स्‍थायी कार्यक्रम स्‍थल बनाने के लिए भारत सरकार और गोवा सरकार के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए मुख्‍य अतिथि श्री अमिताभ बच्‍चन ने छा जाने वाली थीम पर बनी अनेक उत्‍कृष्‍ट फिल्‍मों का जिक्र करके भारतीय सिनेमा के इतिहास को रेखांकित किया। श्री बच्‍चन का संबोधन अनूठा था क्‍योंकि इसमें सभी पहलुओं का उल्‍लेख किया गया था। बदलते परिदृश्‍य के साथ फिल्‍में बनाने के स्‍वरूप एवं जगत में आए बदलाव के साथ-साथ महिलाओं के संघर्ष और भारतीय सोसायटी की खामियों को फिल्‍मों के जरिए दर्शाए जाने का भी उल्‍लेख उन्‍होंने अपने संबोधन में किया। दर्शकों की तीन पीढि़यों को अपने उत्‍कृष्‍ट अभिनय से अभिभूत करने वाले श्री अमिताभ बच्‍चन ने कहा कि अगर विश्‍व एक गांव है तो फिल्‍म जगत की बिरादरी इसकी कथाओं की संरक्षक है। उन्‍होंने कहा कि जो लोग अपने पूर्वजों की गाथाओं से परिचित नहीं हैं वे अपनी कहानी नहीं लिख सकते। 

बहुमुखी प्रतिभा के मालिक फिल्‍मी व्‍यक्तित्‍व रजनीकांत को वर्ष के भारतीय शताब्‍दी व्‍यक्तित्‍व के वार्षिक पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया है। श्री अरूण जेटली और अमिताभ बच्‍चन से संयुक्‍त रूप से पुरस्‍कार ग्रहण करते हुए उन्‍होंने इसे अपने निर्माताओं, निर्देशकों, सह अभिनेताओं, टेक्‍नीशियनों और प्रशंसकों को समर्पित किया। इस अदभुत और प्रसिद्ध अभिनेता ने रूपहले पर्दे पर सिनेमा दर्शकों को हर प्रकार से लुभाया है। अपने स्‍वयं के प्रदर्शन को पर्दे पर देखकर वे भावुक हो उठे। 

इससे पहले, सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सचिव श्री बिमल जुल्‍का ने प्रतिभागियों का स्‍वागत करते हुए कहा कि फिल्‍म केवल कला का हिस्‍सा ही नहीं होती, बल्कि यह सामाजिक सुधार का भी एक बेहतरीन जरिया है, जिसमें पारम्‍परिक समाज के विचारों और मानवीय भावनाओं का चित्रण होता है। प्रत्‍येक संस्‍करण के साथ भारतीय फिल्‍मोत्‍सव भारत में हो रहे राजनीतिक और आर्थिक बदलावों को दर्शाने का बेहतरीन माध्‍यम बना है, जिससे दर्शकों का फिल्‍म देखने का दायरा बढ़ा है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय का प्रयास है कि जहां फिल्‍मोत्‍सव को भारतीय सिनेमा के पोषण, प्रोत्‍साहन और बढ़ावे का जरिया बनाया जाए, वहीं इसका आयोजन राज्‍य की विकास यात्रा का एक मुख्‍य तत्‍व भी बन सके। एजेंसी 

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