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बलात्कार का अरोपी बरी, छेड़खानी में मिली सजा



कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में अपर जिला न्यायधीश द्वितीय की अदालत ने बलात्कार के आरोपी को बरी करते हुए उसे बदनीयती से छेड़खानी करने का गुनाहगार ठहराते हुए दो वर्ष के कारावास के साथ दस हजार के अर्थ दण्ड की सजा सुनायी है।अर्थ दण्ड न देने की दशा में अभियुक्त को दो माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी।
 
यह घटना 13 फरवरी 2010 की है जब कुशीनगर जनपद के पटहेरवा थाना क्षेत्र के हरपुर बेलही गांव के खुशी भगत टोले की एक दस वर्षीय बालिका गांव से सटे स्थित बब्बन मेमोरियल इंटर कालेज में पढ़ने के लिए गयी हुई थी। 

विद्यालय पहुंचने में उसे देर हो गयी और उधर विद्यालय का मुख्य द्वार बंद हो जाने के कारण वह पूर्वाह 11 बजे के करीब अपने घर वापस लौट रही थी कि रास्ते में रहमान के खेत के बगल में सड़क के किनारे रखे गये गन्ने की सूखी पत्तियों के बोझे के पास उसे रज्जाक ने दबोचा लिया था।
 
घटना के डेढ़ घंटे बाद ही पीडि़त बालिका के पिता ने थाने में पहुंचकर भारतीय दंड विधान की धारा 376 के तहत मुकदमा दर्ज कराया और उसी दिन पुलिस ने इस मुकदमे के इकलौते अभियुक्त को गिरफ्तार भी कर लिया। उसके बाद पिता ने स्थानीय थाने में दिये गये तहरीर के मुताबिक रज्जाक ने बालिका के साथ जबरन अपना मुंह काला किया और वहां से भाग निकला था।
 
मुकदमे की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गयी कि चिकित्सीय परीक्षण की रिपोर्ट से बलात्कार की पुष्टि नहीं हो सकी है। ऐसे में अभियुक्त को धारा 376 के तहत दोषी नहीं ठहराया जा सकता। अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमे की पैरवी कर रहे सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) विनोद चैधरी ने बताया कि दलीलों के मद्देनजर अभियुक्त को धारा 376 के तहत लगाये गये आरोप से बरी करते हुए भारतीय दंड विधान की धारा 354 के तहत दोषी ठहराया गहराया गया।

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