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पाच साल में पूर्वांचल की महामारी ने दस हजार से ज्यादा मासूमों को किया प्रभावित

  •  अकेले जिला अस्पताल में 1486 मामले
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल की महामारी के रूप में विख्यात इन्सेफ्लाईटिस अभी तक नही थम सकी है। तमाम प्रयोग व प्रयासों के बाद भी केवल पांच सालों के भीतर मरीजों की संख्या करीब 10 हजार के उपर पहुच गयी है।

 यह सरकारी आकड़ो के मुताबिक अकेले जिला अस्पताल में जेई/एईएस के 1486 मामले सामने आए। सरकारी आकड़ों के अनुसार जिला अस्पताल में 100 बच्चे इस बीमारी से जूझते हुए दम तोड़ दिया।

यदि जिला अस्पताल के अलावा अन्य कसया, तमकुही, हाटा, दुदही, विशुनपूरा, खड्डा आदि जगहों पर इस बीमारी से हुई जिले के बच्चों की मौतों को जोड़ दिया जाए तो तादाद हजार से उपर चली जायेगी। जो बच्चे मौत के मुंह से बाहर आ गए, उनमें अधिकतर या तो विकलांग हो गए या फिर उनकी सोचने-समझने की क्षमता खत्म हो गई।
 
एक नजर जिला अस्पताल के आकड़ों के पर लगाये तो कुशीनगर जिले में मासूमों पर जेई/एईएस आज भी जारी है। छोटे व मझोले गरीब परिवार इस बीमारी के अपने लिए अभिषाप ही मानते है। सरकारी आकड़ों के अनुसार कुशीनगर के जिला अस्पताल में वर्ष 2008 में जेई/एईएस के 246 मामले आए।

इनमें से 30 बच्चों की मौत हो गई। 2009 में 205 मामलों आए इनमें से 14 बच्चे इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। 2010 में 556 मरीजों में से 27 और  2011 में 438 में से 27 मरीजों ने बीमारी से जूझते हुए मौत को गले लगा लिया। वर्ष 2012 में जनवरी से अब तक 80 मामले आ चुके हैं, 66 की जांच हुई, 06 रेफर कर दिए गए जिनमें से दो मासूम मौत भी हो गयी है।
 
ये आंकड़े तो केवल संयुक्त जिला चिकित्सालय में आए जेई/एईएस के मरीजों के हैं। यदि पूरे जिले में इस बीमारी से प्रभावित मासूमों की मौत तथा विकलांगता की गणना की जाए तो यह आंकड़ा 10 हजार से भी उपर चला जायेगा। हर साल जेई/एईएस के मरीजों की संख्या में कमी आने के बजाय बढ़ोतरी ही दर्ज की गई है।
 
इस महामारी के बारे में बताते हुए संयुक्त जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. जमील अहमद अंसारी बताते है कि यह बीमारी प्रमुख रूप से प्रदूषित पानी पीने से होती है। दूषित जल में बैक्टीरिया होते हैं, जो बीमारियों को बढ़ावा देते हैं।
 
मुख्य चिकित्साधिकारी डा.एसएस परवेज कहते है कि हमारा काम रोगी का इलाज करना है। जीवन और मौत खेल तो ऊपर वाले के हाथ में हैं। वह चाहे तो किसी को बचा ले और जिसे चाहे उसे मार डाले।


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