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कुशीनगर में एक ग्राम प्रधान की प्रधानी संकट में

  •    ग्राम सभा के 15 सदस्यों में से 11 ने किया अविश्वास प्रस्ताव
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में ग्राम पंचायत के सदस्यों ने ग्राम प्रधान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ग्राम प्रधान के विरोध में ग्राम पंचायत सदस्यों व ग्रामीणों लामबद्ध होकर जिलाधिकारी कार्यालय में शपथ पत्र जमा करके प्रधानी को खतरे में डाल दिया है।
 
ग्राम प्रधान की प्रधानी के संकट का मामला कुशीनगर के दुदही विकास खण्ड के गौरीश्रीराम गांव उपजा है। गांव मे कुछ ही को छोड़ सभी सदस्य व ग्रामीण प्रधान के विरोध में अवाज उठाने लगे है।  गौरीश्रीराम पूरे विकास खण्ड में दूसरा बड़ा गांव माना जाता है। इस पूरे गांव में 6500 मतदाता है।
 
15 सदस्यों के ग्राम पंचायत कमेटी में 11 सदस्यों ने शपथ पत्र के साथ जिलाधिकारी को ग्राम प्रधान विरूद्ध अविश्वास लगाते हुए मांग पत्र सौप दिया है। अविश्वास लगाने वाले सदस्यों में क्रमशः वार्ड न. 1, 2, 4, 7, 8, 10, 11, 12, 13, 14, 15, समेत कुल 11 सदस्यों ने ग्राम प्रधान  जलभरनी देवी पर ग्रामपंचायत के विकास मद में आये धन में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा है कि पूरे गांव के ग्रामीणों समेत उक्त 11 सदस्यों का विश्वास प्रधान के क्रिया कलापों से हट गया है। ऐसे में प्रधान के विरूद्ध न्यायोचित वैधानिक कार्रवाही होनी चाहिए।
 
प्रदेश में पंचायती राज व्यवस्था लगने के उपरान्त गौरीश्रीराम के इतिहास में किसी निर्वाचित प्रधान के विरूद्ध पहली बार अविश्वास प्रस्ताव आया है। आरक्षित ग्राम पंचायत होने के कारण व चुनाव जितने के मात्र 17 माह बाद ही लगे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पूरे क्षेत्र में चर्चायों का बाजार गर्म है।
 
वही इस संबंध में ग्राम प्रधान शिवनाथ राम ने कहा कि मेरा अभी तक का कार्यकाल निष्पक्ष व पारदर्शी रहा है। मेरे सरल स्वभाव व गरीबी का नाजायज लाभ उठाकर विरोधी मेरे सहयोगियों को भड़का रहे है। शिघ्र ही खुली बैठक में पूरा मामला हल हो जायेगा।

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