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जनगणना से बाहर होगें शिक्षक, आशा बहुए सम्भालेगीं कमान


कुशीनगर । शासन ने इस बार शिक्षकों को जनगणना से दूर रखा रखने का निर्णय लिया है। इसके लिए आशा बहुओं को जनगणना की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके अलावा स्वास्थ्य, आंगनबाड़ी कार्यकता, नलकूप चालक, राजस्व कर्मी व विकास महकमे के लोगों को भी जनगणना के लिए मुस्तैद किया जाएगा।
 
शासन ने यह निर्णय शिक्षा के गिरते स्तर को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से शिक्षकों को जनगणना में न लगाने के दिये गये निर्देश पर लिया है। 

 न्यायालय के इस आदेश से जहां शिक्षक राहत की सांस लेगें। वही जनगणना जैसे महत्वपूर्ण कार्यो को लेकर प्रशासन के उपर दववा बढ़ जायेगा।
 
कुशीनगर में एक जून से जनगणना का कार्य शुरू होने वाला है। शासन के निर्णय के अनुसार इस बार गरीबों की आर्थिक , सामाजिक तथा जाति आधारित गणना में इस बार शिक्षक नजर नही आयेगें। शिक्षकों की जगह आशा बहु इस महत्वपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगी।
 
सर्वोच्च न्यायालय की ओर से चुनाव निदेशालय को जारी निर्देश में कहा गया है कि जनगणना से भी अधिक महत्वपूर्ण है नौनिहालों की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना। ऐसे में यदि शिक्षक जनगणना में लगाए जाते है तो विद्यालय में या तो ताला लगा रहता है या फिर पढ़ाई प्रभावित होती है।
 
न्यायलय ने शिक्षकों की जनगणना के ड्यूटी में न लगाने के निर्देश दिए हैं जिस पर जनगणना निदेशालय ने इस बार आर्थिक, सामाजिक और जाति आधारित जनगणना में शिक्षकों की तैनाती नहीं किया है। जिलाधिकारी कुशीनगर आर सैम्फिल ने बताया कि शासन के मंशा के अनुरूप ही जनगणना की तैयारी हो रही है।

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