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डालर के मुकाबले भारतीय रुपया कमजोर








नई  दिल्ली ।  भारतीय रुपया और कमजोर हो गया है। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत सीधे 31 पैसे कम हो गई है। अब एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 53 रुपये 72 पैसे हो गई है।

भारतीय रुपयापिछले साढ़े चार महीने की ये सबसे बड़ी गिरावट है. दरअसल, शेयर बाजार में अमेरिकी डॉलर की मांग ज्यादा बढ़ जाने की वजह से रुपये का ये अंजाम हुआ है. जानकार बता रहे हैं कि इंपोर्ट्स ने रुपये की जगह डॉलर वसूलने में दिलचस्पी दिखाई, यही वजह है कि रुपया इतने निचले स्तर पर आ गया. साढ़े 4 महीने पहले 1 डॉलर 53 रुपये 41 पैसे का था जो अब 53 रुपये 72 पैसे का हो गया है।

महंगाई की बात सुनसुन कर आप थक चुके हैं लेकिन ये महंगाई है, जो थकने का नाम लेना तो दूर रोज बढ़ती ही जा रही है. रुपये के कमजोर होने का सीधा मतलब है, महंगाई का बढ़ना।

जितनी भी चीजों का वास्ता अंतरराष्ट्रीय बाजार से है, उन सब चीजों के दाम बढ़ने की संभावना हो सकती है. खास तौर पर डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस. डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ाने का माहौल पहले ही बना हुआ है. अब ये नई मुसीबत सामने है।

गौरतलब है कि अंतराष्ट्रीय बाजार में लेन-देन डॉलर में ही होता है, तो जाहिर सी बात है कि रुपये की घटी हुई कीमत के हिसाब से अब व्यापारियों को ज्यादा रुपये चुकाने होंगे. इनमें सबसे अहम है पेट्रोलियम.

कच्चा तेल ज्यादा रुपये देकर खरीदा जाएगा तो बोझ ग्राहकों पर ही पड़ेगा. एक बार तेल की कीमत बढ़ी, तो उसका सीधा असर बाजार पर पड़ता है. ढुलाई और माल भाड़ा बढ़ने से चीजें महंगी हो जाती है ।

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