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कुशीनगर में गन्ना भुगतान को लेकर कराह रहा किसान



कुशीनगर । कुशीनगर के गन्ना किसानों का बकाया गन्ना मुल्य आज तक नही मिल सका है। एक तरफ कर्ज दुसरी तरफ बढ़ती महगाई से कुशीनगर का किसान कराह रहा है। स्थिति काबू में नही आयी तो किसान को आत्म हत्या करने पर मजबूर हो जायेगा
 
चालू वित्तीय वर्ष में 23 जनवरी से 25 फरवरी 12 तक का करीब 10.39 करोड़ 15 हजार रुपये का बकाया गन्ना मूल्य बकाया है जिसमें एक फूटी कोड़ी किसानों को नहीं मिली। दबाव बनने पर प्रशासन की अनुमति लेकर मिल प्रबंधन ने चीनी व शीरा बेच कर कुल रकम का 20 प्रतिशत धन का ही इंतजाम किया है। 

ऐसे में किसान एक तरफ कर्ज व महगाई की मार कराह रहा है। किसान परेशान हैं, कि अब वह क्या करे ?े चीनी मिल पैसा हड़प न ले, इसको लेकर इसी महीने की पहली तारीख में किसान व नेताओं की शिकायत पर डीएम से मिलकर चीनी व शीरा बेचने पर प्रतिबंध लगाने की मांग रखी थी। 

इस पर डीएम ने तत्काल रोक लगा दी। बाद में 4 मई को जिला प्रशासन से इजाजत लेकर 25 हजार बोरी चीनी व 5 ट्रक शीरा बेच करीब बकाया मूल्य के कुल बीस प्रतिशत अर्थात 2.91 करोड़ रुपये का इंतजाम किया है। लगभग एक माह बाद जिसका एडवाइज बना संबंधित काश्तकारों के खाते में भेजा गया है।

उल्लेखनीय है कि जेएचवी सुगर फैक्ट्री को पेराई सत्र 2011-12 में 10.69 लाख कुंतल गन्ने की आपूर्ति मिली। इसका मूल्य 25 करोड़ 60 लाख 21 हजार रुपये हुए। इसमें 12 करोड़ 59 लाख 48 हजार रुपये सीमावर्ती इलाके बिहार के किसानों के भी हैं। हालांकि इसके पहले 22 जनवरी तक पेराई के गन्ना मूल्य का भुगतान तत्काल कर दिया गया था। 23 जनवरी से 25 फरवरी तक चले मिल पर इस सत्र का गन्ना मूल्य 10 करोड़ 39 लाख 15 हजार रुपये बाकी है। इसमें यूपी के पडरौना क्षेत्र के किसानों के 9 करोड़ 94 लाख 82 हजार रुपये व बार्डर क्षेत्र में बिहार के काश्तकारों के 44 लाख 33 हजार रुपये शामिल हैं। 

इस सम्बन्ध में कुशीनगर के पडरौना के एक किसान राजेन्द्र चैधरी का कहना है मेरे एक लाख रूपये बकाये है पैसे मिलते तो बेटी की शादी करनी है। वेटी की शादी को लेकर कभी कभी लगता आत्म हत्या कर लूॅ एक तरफ किसान क्रेडिट का कर्ज बढ़ता जा रहा है वही बकाया भुगतान की कोई आस नही कि कब होगा। पडरौना के सेमरा गांव निवासी जनार्दन सिंह बताते है मैं बैंक में दौड़ते थक चूका हू आज तक मेरा भूगतान नही आया अब कुछ नही सुझ रहा है।
 
इस सम्बन्ध में जिला गन्ना अधिकारी राजीव राय ने स्वीकार किया कि किसानों का भुगतान बाकी है। इसके लिए मिल प्रबंधन को अल्टीमेटम दिया गया है। इसका शीघ्र ही निपटारा हो जाएगा।

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