पहाड़ों के तांडव से परिजनो के लिए तरस गये कुशीनगर के लोग

कुछ तो इतने मायूस हो चुके हैं की हताशा में बोल पड़ते हैं अगर वे जिन्दा नहीं हैं तो कम से कम हमें उनका शव सौंप दो, आखिरी दर्शन कर उन्हें इस संसार से विदा तो कर लेने दो, लेकिन यह बोलकर जिंदगी भर की टीस मत देना कि वे लापता हो गए।
कुशीनगर में ये हर उस घर की कहानी है जहाँ से कोई न कोई उत्तराखंड गया था और हादसे की वजह से उसकी कोई खोज खबर नहीं मिल रही। हालात ऐसे हैं कि मोबाइल की घंटी बजने पर चहरे पे चमक आती है लेकिन स्वीच आफ नम्बर होने पर चहरे पर वही मायूसी छा जाती है।
पूर्वांचल के हर कोने से रोज सूचना मिल रही है कि अमुक परिवार के लोग अब तक नहीं लौटे। एक अनुमान के मुताबिक, गोरखपुर-बस्ती मंडल के लगभग 500 लोगों के केदारधाम के हादसे में फंसे होने की आशंका है। इसमे सबसे अधिक कुशीनगर जिले के लोग हैं जहाँ के 300 से अधिक लोग केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकले थे।
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.................................TIMES OF KUSHINAGAR