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सयुक्त निदेशक की टीम ने जाच में पाया कालाजार


करीब डेढ़ दर्जन बच्चों के मौत के बाद जाच में आयी थी टीम

कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में हुए कालाजार से मौत के मामले में स्वयं सयुक्त निदेंशक की टीम ने मौत का कारण कालाजार बताया यही नही स्वास्थ्य लापरवाही को भी उजागार किया।

कुशीनगर के दुदही विकास खंड अन्र्तगत ग्राम पंचायत रकबा दुलमापट्टी एवं गौरी जगदीश में कुछ दिनों पूर्व कालाजार से असमय डेढ़ दर्जन लोगों की मौत को स्वास्थ्य विभाग अज्ञात बीमारी मान रहा था।

लेकिन स्वास्थ्य जाॅच के लिए आयी टीम ने नमूने में आखिरकार कालाजार की पुष्टि कर दी है।  सात सदस्यीय टीम ने सेंट फ्लाई नामक मक्खी के काटने से कालाजार की बीमारी होने एवं मौतों की बात कही। इससे अब महकमा एक बार फिर कठघरे में आ गया है।

डा. हरिशंकर सक्सेना संयुक्त निदेशक मलेरिया उ.प्र. के नेतृत्व में डा. एके सिंह सीतापुर, डा. आईएएन अंसारी वेक्टर इन वन सीतापुर, डा. एसएन पांडेय जिला मलेरिया अधिकारी कुशीनगर, डा. मारकंडेय मणि, डा. विजय श्रीवास्तव गोरखपुर मेडिकल कालेज, जितेंद्र प्रसाद की टीम सबसे पहले कालाजार से मरी नेहा के घर पहुंची। उसके माता पिता से जानकारी ली और नमूने भी लिए।

उधर प्रभु ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की ओर इशारा करते हुए कहा कि न दवा और न डाक्टर तो हम लोग असमय काल के गाल में जाएंगे ही। टीम रकबा दुलमापट्टी मुसहर बस्ती गई। जहां 16 लोगों की मौत कालाजार होने से बताई गई। वहां भी बीमारी के संवाहक सेंट फ्लाई मक्खी के नमूने लिए। टीम के सामने ग्रामीणों ने स्वास्थ्य महकमे को कटघरे में खड़ा करते हुए अनेक सवाल भी खड़ा कर दिए।

इस सम्बन्ध में संयुक्त निदेशक हरिशंकर सक्सेना ने बताया कि दुदही सीएचसी पर मल्टी फोरसीन एडल्ट और किड टैबलेट पर्याप्त मात्रा में जिला अस्पताल में भी उपलब्ध करा दिया गया है। इस दवा का 28 दिन तक बिना गैप किए खाने से इस बीमारी से निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि बुखार की शिकायत पर तत्काल मल्टी कोरसीन कीड से जांच कराए। जिससे बीमारी का पता चल सके।

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.................................TIMES OF KUSHINAGAR