Breaking News

चारों धाम की यात्रा में छोड़ दिया पति ने साथ

केदारनाथ में त्रासदी के बाद का दृश्य
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में हाटा तहसील के मोतीचक विकास खण्ड के ग्राम दुबौली से अपने पति के साथ चार धाम की यात्रा पर बीते 8 जून को निकली धरमा आज अपने घर तो वापस लौटी लेकिन अपने पति को साथ वापस नहीं ला सकी।

केदारनाथ में आयी त्रासदी में उसके पति से उसका हमेशा के लिए साथ छूट गया और पति के साथ उसके जीवन की यह अंतिम यात्रा साबित हुई। पति को खोकर घर पहुंची धरमा ने इस यात्रा का जो वर्णन किया उसे सुनकर पत्थर भी फट जाता।

उसके परिवार का तो बुरा हाल था ही वहां पहुंचने वाले हर व्यक्ति की आंखों से आंसू थम नही रहे थे। धरमा ने बताया कि उसने अपने पति को मौत के मुह में अपने आंखों से जाते देखा लेकिन वह उसे बचा नही पायी। यहां तक कि पांच दिनों तक बिना खाये-पिये वह अपने पति के शव पर विलाप करती रही। उसे यह भी सोचकर चिन्ता हो रही थी कि वह किस मुंह से अपने पति के बगैर घर वापस लौट जायेगी और कैसे अपने बेटे बहु को यह दुखद सूचना देगी।

इन पांच दिनों में वह बारिश के पानी के साथ घूट-धूट कर मर रही थी। बाद में पहुंचे सेना के जवानों ने उसके पति के शव पर चादर ओढ़ाया और उसे लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। जहां उसे अपने गांव की एक महिला सहयात्री मिली।इसे लेकर वह अपने गांव दुबौली बुधवार को वापस खाली लौटी। धरमा के पति शीतल प्रसाद के मौत की सूचना मिलते ही पूरा परिवार रोने-बिलखने लगा।

बताते चलें कि बीते 8 जून को एक बस से लगभग 40 लोगों का एक दल चारधाम की यात्रा पर निकला था। जिसमें शीतल प्रसाद पुत्र चन्द्रदेव, उनकी पत्नी धरमा तथा गांव की एक अन्य महिला चानमती भी शामिल थी। बीते 15 जून तक उनके पुत्र अनिरूद्ध से उनका सम्पर्क होता रहा लेकिन 16 जून को केदारनाथ से दर्शन कर लौटते समय वे आयी भयंकर जलप्रवाह के शिकार हो गये और तितर-वितर हो गये। उस समय तक धरमा व शीतल साथ-साथ रहे। भयावह दृश्य देखकर वृद्ध शीतल प्रसाद को दिल का दौरा पड़ गया और वह धरमा को अकेले छोड़कर परमधाम को चल दिये।

पति के शव को गोद में रखकर धरमा रोती रही लेकिन वहां कोई मददगार मदद के लिए नहीं आया। उसके साथ गया पण्डा भी उससे अलग हो गया था। पांच दिनों के बाद सेना के जवानों ने उसे हेलीकाप्टर से ऋषिकेश पहुंचाया जहां उसकी सहयात्री चानमती मिल गयी और उसे साथ वह आज घर पहुंची। जहां पहले से ही अनहोनी की आशंका में परिवार भयभीत बैठा हुआ था। धरमा को अकेला घर आता देख ही परिवार में रोना बिलखना शुरू हो गया। शीतल की पुत्र-पुत्रियां बेहाल हैं। पूरे गांव में गम का माहौल व्याप्त है।


कोई टिप्पणी नहीं

टिप्पणी करने के लिए आप को धन्यबाद!

.................................TIMES OF KUSHINAGAR