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नदी के कटाव से भयभीत लोग पलायन पर उतारू


कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में नारायणी नदी के कटाव से नदी के उस पार बसे लोग भय से घर छोड़ सुरक्षित जगह पर पलायन करने लगे है। लोगों का मामना है कि नदी अगर इसी गति से कटाव करती रही तो कई गांवों के लिए खतरा बढ़ जाएगा।

ज्ञातव्य हो कि कुशीनगर के खड्डा विकास खंड अंतर्गत नारायणी नदी के उस पार नरायनपुर, हरीहरपुर, बकुलादह, बसंतपुर, शिवपुर, बालगोबिंद छापरा, शाहपुर आदि कई गांव बसे हैं। इन गांव के हजारों लोगों पर हर वर्ष बरसात कहर बन कर टूटती है। ये गांव बरसात के समय सड़क मार्ग से कट जाते हैं। पिछले वर्ष गंडक नदी ने इन गांवों की हजारों एकड़ खेत को अपने आगोश में ले लिया था।

इस बर्ष बरसात का मौसम शुरू होते ही एक बार फिर इन गांवों की खेती के साथ लोगों के घर परिवार के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। 17 जून से शुरू हुई बरसात के बाद से नदी में आई बाढ़ ने कटान शुरू कर दिया है। स्थिति ऐसी है कि इस कटान के कारण नरायनपुर गांव के शिवनरायन, सुखबीर, नथई, पूर्णमासी, हीरामन आदि के खेत नदी में समा चुके हैं। कटान करती हुई नदी तेजी के साथ गांव की ओर बढ़ रही है।

ग्रामीण मानते है कि नदी के कटान की गति यही रही तो एक दो दिन में प्राइमरी स्कूल सहित कई घर नदी में विलीन हो जाएंगे। इस गांव के ग्राम प्रधान ने बताया कि प्रशासन ने अब तक बाढ़ से बचाव के लिए नाव आदि की व्यवस्था नहीं की है। जबकि कानूनगो को इस समस्या के अवगत करा दिया गया है।

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