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शान्ति के दूतों ने भूमि कब्जा को लेकर फैला दी अशान्ति


बन्धक बने बौद्ध अनुयायियों को ग्रामिणों से पुलिस ने छुड़ाया

कुशीनगर । उत्तर प्रदेश कुशीनगर जहां भगवान बुद्ध ने शान्ति का उपदेश देते हुए निवार्ण प्राप्त कि
यां था। उसी घरती पर उनके ही अनुयायी बौद्ध भिक्षुओं ने अशान्ति फैला दी औरे 40 एकड़ भूमि को कब्जा करने का प्रयास किया।

यह भूमि कसया तहसील के ग्रामसभा सिसवां महंत में स्थित है इस 40 एकड़ भूमि पर बौद्ध भिक्षुओं ने शुक्रवार सुबह कब्जा करने का प्रयास किया। जो गांव के लोगों ने भिक्षुओं को बंधक बना लिया। प्रशासन के हस्तक्षेप से बौद्ध भिक्षु मुक्त हुए। प्रशासन ने बौद्ध भिक्षुओं को भूमि पर जाने से मना किया है।
बताया जाता है कि सिसवां गांव में सीलिंग की 40 एकड़ भूमि है। इस पर सात माह पूर्व तक कुशीनगर भिक्षु संघ खेती करता चला आ रहा था। जमीन पर हक को लेकर डीएम न्यायालय में दिलीपनगर के एक पूर्व जमींदार परिवार और कुशीनगर भिक्षु संघ के मध्य करीब 20 वर्षों से मुकदमा चल रहा था। 

सात माह पूर्व डीएम रिग्जियान सैंफिल ने मुकदमा का निस्तारण करते हुए भूमि को गांव सभा के खाते में दर्ज करने का आदेश पारित कर दिया। भूमि पर गांव सभा का कब्जा भी हो गया। आदेश के तत्काल बाद भी भिक्षु संघ के लोग मौके पर जाकर जमीन पर अपना हक जताने लगे। उस दौरान भी राजस्व विभाग टीम ने भिक्षुओं को मना कर लौटा दिया था। वर्तमान में भूमि को लेकर हाईकोर्ट में पूर्व जमींदार परिवार और भिक्षु संघ के बीच मुकदमा चल रहा है। 

इस बीच शुक्रवार को कई बौद्ध भिक्षु ट्रैक्टर और चार पहिया वाहनों पर अपने कर्मचारियों को लेकर पहुंच गए। ट्रैक्टर से भूमि जोतने लगे। मौके पर ग्राम प्रधान परमहंस सिंह सहित कई लोग पहुंच गए। भिक्षु संघ के लोगों को भूमि जोतने से मना किया गया। भिक्षु संघ के उपाध्यक्ष शीलप्रकाश ने कहा कि एसडीएम का आदेश है। गांव के जितेंद्र पटेल ने एसडीएम से फोन पर बात की तो जवाब मिला कि कोई आदेश नहीं दिया गया है। इस पर गांव वाले नाराज हो गए और भिक्षुओं को बंधक बना लिया। मौके पर पहुंचे पुलिस के जवानों के हस्तक्षेप के बाद भिक्षु मुक्त हुए। पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने में बुलाया। ग्राम प्रधान ने भिक्षुओं के विरुद्ध तहरीर दी है।

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