आम बजट 2015-16: प्रमुख कार्यक्रम
नई दिल्ली । सरकार द्वारा लोक सभा में पेश गया बजट से सबको लाभ मिलेगा। इसके लिए
कृषि उन्नति
योजना
इसके लिए
आम
बजट
में
3257 करोड़ रुपये
का
प्रावधान
किया
गया
है।
यह
खाद्य
सुरक्षा
के
लिए
प्रमुख
कार्यक्रम
है।
कृषि उन्नति
योजना
में
निम्नलिखित
शामिल
हैं
–
मृदा सेहत
कार्ड,
कृषि
सहयोग
एवं
कृषि
विपणन
योजना
तथा
कृषि
विस्तार,
बागवानी
विकास
व
मूल्य
स्थिरीकरण
कोष
पर
राष्ट्रीय
मिशन
और
सतत
कृषि
पर
राष्ट्रीय
मिशन।
डेयरी विकास
अभियान
के लिए
बजट
में
481 करोड़ रुपये
का
प्रावधान
है।
इस
स्कीम
का
मुख्य
उद्देश्य
असंगठित
क्षेत्र
के
तहत
अतिरिक्त
दूध
को
खरीदना
है।
डेयरी विकास
अभियान
में
निम्नलिखित
शामिल
हैं
–
राष्ट्रीय
डेयरी
प्लान
के
लिए
प्रमुख
कार्यक्रम,
डेयरी
उद्यमिता
योजना
और
डेयरी
विकास
योजना।
नीली क्रांति
इसके
लिए
411 करोड़ रुपये
का
प्रावधान
किया
गया
है।
यह
मत्स्य
पालन
क्षेत्र
के
विकास
के
लिए
एक
प्रमुख
कार्यक्रम
है।
फसल बीमा
के लिए
आम
बजट
में
2589 करोड़ रुपये
का
प्रावधान
है।
भारतीय कृषि
अनुसंधान
परिषद
के
लिए
3295 करोड़ रुपये
बजट
में
अलग
से
रखे
गए
हैं।
पूर्वोत्तर
राज्यों
में जैविक
खेती के
लिए
125 करोड़ रुपये
का
प्रावधान
किया
गया
है।
वाणिज्य
एवं उद्योग
दिल्ली मुंबई
औद्योगिक
कॉरीडोर
के लिए
बजट
में
1200 करोड़ रुपये
का
प्रावधान
किया
गया
है।
मेक इन
इंडिया
इसके
लिए
310 करोड़ रुपये
अलग
से
रखे
गए
हैं। इसका मुख्य
उद्देश्य
एक
निवेश
गंतव्य
के
तौर
पर
भारत
को
बढ़ावा
देना
और
वैश्विक
निवेशकों
को
आकर्षित
करते
हुए
भारत
को
एक
विनिर्माण
केन्द्र
(मैन्युफैक्चरिंग
हब)
के
रूप
में
स्थापित
करना
है,
ताकि
उनके
उत्पाद
भारत
में
ही
बनाए
जा
सकें।
विदेश व्यापार
एवं निर्यात
संवर्धन
के
लिए
910 करोड़ रुपये
का
प्रावधान
किया
गया
है।
अन्य प्रमुख
(फ्लैगशिप)
कार्यक्रम
डिजिटल इंडिया
इसके
लिए
2510 करोड़ रुपये
का
प्रावधान
बजट
में
किया
गया
है। यह कार्यक्रम
सुशासन,
वर्चुअल
क्लासरूम,
साइबर
सुरक्षा,
आम
जनता
के
लिए
सूचना
प्रौद्योगिकी
एवं
राष्ट्रीय
ज्ञान
नेटवर्क
पर
केन्द्रित
है।
स्वच्छ
ऊर्जा
पहलों
के
लिए
राष्ट्रीय
स्वच्छ
ऊर्जा
कोष-4700
करोड़
रुपये
स्वदेश
दर्शन
घरेलू
पर्यटन
सर्किट-600
करोड़
रुपये
भारत
यूआईडी
प्राधिकरण-2000
करोड़
रुपये
कौशल
विकास
एवं
उद्यमशीलता-1500
करोड़
रुपये
ग्रामीण
एवं शहरी
विकास
दीनदयाल
उपाध्याय
ग्राम
ज्योति
योजना
के
तहत
ग्रामीण
विद्युतीकरण-4230
करोड़
रुपये
भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण-29420
करोड़
रुपये
प्रधानमंत्री
ग्राम
सड़क
योजना-4134
करोड़
रुपये
रूर्बन-
इस
कार्यक्रम
का
उद्देश्य
ग्रामीण
क्षेत्रों
से
शहरी
क्षेत्रों
में
प्रवास
कम
करने
के
लिए
रूर्बन
क्लस्टरों
में
जीवन
की
गुणवत्ता
को
बेहतर
बनाना
तथा
प्रतिगामी
प्रवास
को
प्रोत्साहित
करना
है।
मेट्रो
परियोजनाएं-8260
करोड़
रुपये
इनमें
दिल्ली,
बेंगलुरू,
चेन्नई,
कोलकाता,
मुंबई,
कोच्चि,
जयपुर,
विशाखापत्तनम,
अहमदाबाद,
लखनऊ,
नागपुर
शामिल
हैं।
100 स्मार्ट
सिटी-5899
करोड़
रुपये
बढ़ते
शहरीकरण
और
विश्वस्तरीय
शहरी
बुनियादी
ढांचे
की
जरूरत
पर
ध्यान
देने
के
लिए
एक
व्यापक
योजना
नमामि
गंगे-2100
करोड़
रुपये
सरकार
की
सामाजिक
पहलेंमहिलाओं
की
सुरक्षा
के
लिए
निर्भया
कोष-1000
करोड़
रुपये
स्वास्थ्य-7824
करोड़
रुपये
शिक्षा
(स्कूली शिक्षा
और
उच्चतर
शिक्षा)-17672
करोड़
रुपये
बेटी
बचाओ,
बेटी
पढ़ाओ-100
करोड़
रुपये
इस योजना
का
उद्देश्य
जन
अभियानों,
केंद्रित
प्रयासों
एवं
बहु-क्षेत्रवार
कदमों
के
जरिए
गिरते
बालक-बालिका
अनुपात
के
मुद्दे
पर
ध्यान
देना
है।सामाजिक
न्याय
एवं
अधिकारिता-3295
करोड़
रुपये
इनमें
अनुसूचित
जातियों,
राजीव
गांधी
राष्ट्रीय
छात्रवृत्ति,
मैला
ढोने
वालों
के
लिए
स्व–रोजगार
एवं
पुनर्वास,
नि:शक्तजनों
का
कल्याण
शामिल
है।
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