आईयें जाने बजट 2015-16 की मुख्य विशेषताएं
नई दिल्ली ।
पिछले नौ
माह
में
भारतीय
अर्थव्यवस्था
की
साख
बढ़ी।
·
भारतीय
अर्थव्यवस्था
तीव्र
विकास
के
पथ
पर
प्रशस्त
है।
·
कमजोर वैश्विक
आर्थिक
वृद्धि
के
बावजूद
भारतीय
अर्थव्यवस्था
के
अधिकांश
विकास
संकेतक
उन्नति
के
मार्ग
पर।
·
भारतीय
अर्थव्यवस्था
के
विकास
में
आर्थिक
रूप
से
सशक्त
राज्यों
की
समान
रूप
से
सहभागिता।
·
प्रतिकूल
वृहद
आर्थिक
संकेतकों
के
साथ
भारतीय
अर्थव्यवस्था
पहले
‘’नियति
और
निराशा’’
के
दौर
में
थी,
किंतु
पिछले
नौ
महीनों
में
देश
कामयाबी
की
छलांग
लगाते
हुए
7 दशमल चार
प्रतिशत
के
वास्तविक
सकल
घरेलू
उत्पाद
के
साथ
अब
नई
श्रृंखला
में
विश्व
की
सबसे
बड़ी
और
तेजी
से
उभरने
वाली
अर्थवस्था
के
रुप
में
सामने
आया
है।
·
शेयर बाजार
में
2014 में दूसरा
सर्वश्रेष्ठ
प्रदर्शन।
·
दीर्घकालिक
गरीबी
उन्मूलन,
रोजगार
सृजन
और
दोहरे
अंकों
की
विश्वसनीय
आर्थिक
विकास
दर
हासिल
की
गई।
·
विभिन्न
क्षेत्रों
में
बेहतर
सेवा
के
माध्यम
से
सरकार
ने
जनता
का
विश्वास
हासिल
किया।
·
वित्तीय
समायोजन-
सौ
दिनों
के
भीतर
12 दशमलव पांच
करोड़
परिवारों
को
वित्तीय
मुख्य
धारा
में
शामिल
गया।
·
राज्यों
के
संसाधनों
में
वृद्धि
के
लिए
पारदर्शी
कोयला
ब्लॉक
नीलामी।
·
स्वच्छ
भारत
अभियान
न
सिर्फ
स्वास्थ्य
और
स्वच्छता
में
सुधार
का
एक
कार्यक्रम
है
बल्कि
यह
भारत
के
पुनर्निर्माण
आंदोलन
का
रूप
ले
चुका
है।
·
व्यापक
सुधारों
का
शुभारंभ-
माल
और
सेवाकर
(जी एस टी)
·
प्रत्यक्ष
लाभ
हस्तांतरण
के
लिए
- जन धन, आधार
और
मोबाइल
(जे ए एम)
कारगर
हथियार
·
मुद्रा
स्फीति
में
महत्वपूर्ण
गिरावट
दर्ज
की
गई।
·
वर्ष के
अंत
तक
5 प्रतिशत सीपीआई
स्फीति।
इसके
परिणाम
स्वरूप
मौद्रिक
नीति
को
सरल
बनाया।
·
मुद्रास्फीति
को
6 प्रतिशत से
कम
रखने
की
दृष्टि
से
भारतीय
रिजर्व
के
साथ
मौद्रिक
नीति
प्रारूप
समझौता।
·
अमृत महोत्सव-
वर्ष
2022 – स्वतंत्रता
की
75वीं वर्षगांठ,
प्रधानमंत्री
के
नेतृत्व
में
‘’टीम इंडिया’’
हेतु
दृष्टिकोण
·
सभी के
लिए
आवास-
शहरी
क्षेत्रों
में
2 करोड़ और
ग्रामीण
क्षेत्रों
में
4 करोड़ आवास।
·
24 घंटे
बिजली,
स्वच्छ
पेयजल,
एक
शौचालय
सड़क
संपर्क
की
मूलभूत
सुविधा।
·
आजीविका
के
लिए
परिवार
के
कम
से
कम
एक
सदस्य
को
रोजगार।
·
महत्वपूर्ण
गरीबी
उन्मूलन।
·
2020 तक ऑफ–ग्रिड
सौर
ऊर्जा
सहित
शेष
20 हजार ग्रामों
का
विद्युतिकरण।
·
‘मेक इन
इंडिया’
और
‘स्किल
इंडिया’
जैसे
महत्वपूर्ण
कार्यक्रमों
से
भारत
को
विश्व
के
विनिर्माण
केंद्र
में
परिवर्तित
करना।
·
युवाओं
को
रोजगार
सृजन
बनाने
के
लिए
उद्यमिता
की
भावना
का
प्रोत्साहन
और
विकास।
·
पूर्व और
पूर्वोत्तर
क्षेत्रों
का
देश
के
अन्य
भागों
की
तरह
ही
विकास
कारना।
·
सरकार सकल
घरेलू
उत्पाद
की
तीन
प्रतिशत
की
दर
पर
राजकोषीय
घाटा
लक्ष्य
हासिल
करने
के
लिए
कृतसंकल्प
है।
·
लाभार्थियों
की
संख्या
एक
करोड
से
बढ़ाकर
10 दशमलव 3 करोड़
के
लिए
प्रत्यक्ष
लाभ
अंतरण
का
विस्तार।
·
कृषि उत्पादन
हेतु
दो
महत्वपूर्ण
निर्णायक
कारकों
मृदा
और
जल
से
निपटने
केलिए
महत्वपूर्ण
कदम
उठाए
गए।
·
‘परंपरागत
कृषि
विकास
योजना
को
पूरी
तरह
से
सहायता
प्रदान
की
जाएगी।
·
‘प्रति
बूंद
अधिक
फसल’
प्राप्त
करने
हेतु
‘प्रधानमंत्री
ग्राम
सिंचाई
योजना’।
·
वर्ष
2015-16 के लिए
आठ
दश्मलव
पांच
लाख
करोड़
रुपए
का
कृषि
ऋण
लक्ष्य।
·
ऋण देने
में
अंतरजातीय
और
अंतर
जन
जातीय
उद्यमों
को
वरीयता।
·
गांवों
में
फैले
1,54,000 उपस्थित
केंद्रों
वाले
डाक
नेटवर्क
का
सामान्य
वित्तीय
प्रणाली
तक
लोगों
की
पहुंच
बढ़ाने
के
लिए
प्रयोग
किया
जाएगा।
·
केवल 12 प्रतिवर्ष
के
प्रीमियम
पर
2 लाख रुपए
के
दुर्घटना
जन्य
मृत्यु
जोखिम
को
कवर
करने
के
लिए
प्रधानमंत्री
सुरक्षा
बीमा
योजना।
·
पी पी
एफ
में
लगभग
3 हजार करोड़
रुपए
कर्मचारी
भविष्यनिधि
की
संचित
राशि
में
अनुमानत:
6 हजार करोड़
रुपए
की
अदावाकृत
जमा
राशि।
·
सड़कों
और
रेल
मार्गों
के
लिए
परिव्यय
में
तीव्र
वृद्धि।
·
सरकारी
क्षेत्र
में
पूंजीगत
व्यय
बढ़ाया
गया।
·
20,000 करोड़
रुपए
के
वार्षिक
प्रवाह
से
राष्ट्रीय
निवेश
और
अवसंरचना
निधि
की
स्थापना
की
जाएगी।
·
प्लग और
प्ले
मोड
में
प्रत्येक
4000 मेगावाट वाली
5 नई अल्ट्रा
मेगा
विद्युत
परियोजनाएं।
·
सोना खरीदने
के
लिए
विकल्प
के
तौर
पर
सरकारी
स्वर्ण
बाण्ड
स्कीम
बनाना।
·
भारतीय
सोने
के
सिक्के
बनाने
की
दिशा
में
कार्य
करना,
जिसके
अग्र
भाग
में
अशोक
चक्र
होगा।
·
निर्भया
निधि
के
लिए
1000 करोड़ रुपए।
·
आगमन पर
वीजा
सुविधा
का
विस्तार
चरणबद्ध
तरीके
से
150 देशों तक
करना।
·
नवीकरणीय
ऊर्जा
क्षमता
को
2022 तक बढ़ाकर
1,75,000 मेगावाट
तक
करने
का
लक्ष्य।
·
आंध्र प्रदेश
की
तरह
बिहार
और
पश्चिम
बंगाल
में
विशेष
सहायता
उपलब्ध
कराई।
·
जम्मू-कश्मीर,
पंजाब,
तमिलनाडु,
हिमाचल
प्रदेश
और
असम
में
नए
एम्स
की
स्थापना,
बिहार
में
एम्स
जैसे
दूसरे
संस्थान
की
स्थापना।
·
वित्त
वर्ष
हेतु
आयोजा
भिन्न
व्यय
13,12,200 करोड़ रुपए
अनुमानित।
·
आयोजना
व्यय
4,65,277 करोड़ रुपए
अनुमानित
है।
·
कुल व्यय
17,77,477 करोड़ रुपए
अनुमानित
है।
·
रक्षा, आंतरिक
सुरक्षा
व्यय
और
अन्य
आवश्यक
व्यय
की
आवश्कता
की
पर्याप्त
पूर्ति
का
प्रावधान
किया
गया।
·
सकल कर
प्राप्तियां
14,49,490 करोड़ रुपए
अनुमानित
है।
·
राज्यों
को
अंतरण
5,23,958 करोड़ रुपए
अनुमानित
है।
·
केन्द्र
सरकार
का
हिस्सा
9,19,842 करोड़ रुपए
होगा।
·
आगामी वित्त
वर्ष
के
लिए
कर-भिन्न
राजस्व
2,21,733 करोड़ रुपए
अनुमानित
है।
·
अगले वित्त
वर्ष
से
चार
वर्षों
में
कारपोरेट
कर
को
30 प्रतिशत से
घटाकर
25 प्रतिशत करने
का
प्रस्ताव।
·
बचत सुगम
बनाने
के
लिए
व्यष्टि
करदाता
को
छूट
जारी
करेगी।
·
काले धन
के
सृजन
और
उसे
छिपाने
के
कृत्य
से
प्रभावी
और
बलपूर्वक
निपटा
जाएगा।
·
इस मामले
में
स्विस
अधिकारियों
के
साथ
बातचीत
का
एक
प्रमुख
सकारात्मक
परिणाम
भी
सामने
आया
है।
·
काले धन
पर
महत्वपूर्ण
नए
कानून।
·
देश में
विनिर्माण
इकाईयों
का
विकास
और
निवेश
तथा
संवर्द्धन
उपलब्ध
कराना
ताकि
उनमें
रोजगार
सृजन
हो
सके।
·
एंबुलेंस
के
चेसिस
पर
उत्पाद
शुल्क
को
24 प्रतिशत से
घटाकर
12 दशमलव 5 प्रतिशत
किया
गया।
·
कर प्रक्रियाओं
को
सरलीकरण।
·
वार्षिक
रूप
से
एक
करोड़
से
अधिक
कर
योग्य
आय
वाले
धनिकों
पर
2 प्रतिशत का
अतिक्त
अधिभार।
·
घरेलू अंतरण
मूल्य
निर्धारण
की
प्रारंभिक
सीमा
पांच
करोड़
रुपए
से
बढ़ाकर
20 करोड़ रुपए
की
गई।
·
नशीले पदार्थों
के
दुरुपयोग
के
नियंत्रण
के
लिए
राष्ट्रीय
निधि
में
किया
गया
अनुदान
आयकर
अधिनियम
की
धारा
80जी के अंतर्गत
100 प्रतिशत छूट।
·
स्वच्छ
भारत
कोष
और
स्वच्छ
गंगा
निधि
में
सीएसआर
अंशदान
के
अलावा,
अंशदानों
के
लिए
100 प्रतिशत की
छूट।
·
स्वच्छ
पर्यावरण
पहलों
के
लिए
वित्त
पोषण
के
लिए
कोयला
आदि
पर
स्वच्छ
ऊर्जा
उप
कर
को
100 रुपए से
बढ़ाकर
200 रुपए प्रति
मीट्रिक
टन
किया
गया।
·
विद्युत
चालित
वाहनों
और
हाई
ब्रिड
वाहनों
पर
लागू
रियायती
सीमा
शुल्क
और
उत्पाद
शुल्क
की
समय
सीमा
31 मार्च 2016 तक
बढ़ाई
गई।
·
स्वास्थ्य
बीमा
प्रीमियम
की
छूट
सीमा
को
15 हजार रुपए
से
25 हजार रुपए
तक,
जबकि
वरिष्ठ
नागरिकों
के
लिए
20,000 से 30,000 हजार
तक
किया
गया।
·
80 वर्ष
से
अधिक
की
आयु
वाले
वरिष्ठ
नागरिक
जो
स्वास्थ्य
बीमा
में
कवर
नहीं
है,
उन्हें
चिकित्सीय
व्यय
के
लिए
30 हजार रुपए
की
कटौती
की
अनुमति
दी
गई।
·
विक्लांग
व्यक्तियों
के
लिए
25 हजार रुपए
की
अतिरिक्त
कटौती।
पेंशन
निधि
और
नई
पेंशन
स्कीम
में
अंशदान
के
लिए
50 हजार रुपए
की
अतिरिक्त
छूट।
·
कृषि उत्पाद
की
ढुलाई
में
सेवाकर
से
छूट
जारी
रहेगी।
·
कृत्रिम
ह्रदय
को
5 प्रतिशत के
बुनियादी
सीमा
शुल्क
और
सी
वी
डी
से
छूट।
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.................................TIMES OF KUSHINAGAR