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लोक सभा चुनाव के मद्देनजर निवार्चन आयोग सख्त


टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो 
कुशीनगर । निर्वाचन आयोग द्वारा आसन्न लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पूरे देश में मतदाता सूची को अपडेट किये जाने और नये मतदाताओं को मताधिकार दिये जाने की लगातार कोशिशें जारी हैं। इसमें गड़बडियां न हो इसके लिए सभी जिला प्रशासन को आयोग ने सख्त निर्देश दिया है।

इसके लिए जिला व तहसील प्रशासन के अधिकारी बैठकें कर इसकी गहन समीक्षा में जुटे हैं। इसके लिये जनपद व तहसील स्तर पर इस काम में जुड़े सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की जवाबदेही तय किये जाने का क्रम भी जारी है।

इस अभियान के प्रति अफसरों द्वारा बरती जा रही उच्च प्राथमिकता व संजीदगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस अभियान में जुड़े किसी भी अधिकारी व कर्मचारी द्वारा की जाने वाली वाली लापरवाही को गंभीर मानते हुए सीधे आयोग को रिपोर्ट किये जाने का प्रावधान है।

बावजूद इसके एक ऐसी अहम बात अफसरों के नजरों से ओझल हो रही, जो काफी गंभीर बतायी जाती है, वह है सरहदी क्षेत्रों में नेपाली नागरिकों की भारतीय नागरिकता यद्यपि कुशीनगर, महराजगंज, गोरखपूर व विहार प्रान्त को प्रभावित करती है जो प्रमुख रूप से नेपाल व भारत के सरहर्दी इलाकों में रिश्तों की डोर में बधी है।

इस मामले में चुनाव आयोग का सख्त फरमान है कि मतदाता सूची में किसी प्रकार का फर्जीवाड़ा क्षम्य नहीं। भारत से नेपाल की खुली सीमा और दोनों देशों के आपस में संबंध सदियों से जारी है।

भारतीय नागरिक नेपाल में व नेपाली नागरिक यहां आते-जाते रहते व रोजी- रोटी में लगे हुए हैं। यही कारण है कि दोनों देशों के बीच जारी इन संबंधों का एक दूसरे पर काफी असर देखने को मिलता है।

इसके बावजूद कुछ ऐसी चीजें हैं, जो दोनों देशों के नागरिकों के लिये प्रतिबंधित तो जरुर है लेकिन व्यवहारिक पहलू पर उनको बदल पाना नामुमकिन सा लगता है। इसी क्रम में नेपाली नागरिकों की भारतीय नागरिकता का मामला भी है।

भारतीय सीमा में रह रहे अपने मित्रों, रिश्तेदारों व संबंधियों के परिवारों में अधिकतर नेपाली नगारिकों ने अपना नाम परिवार पंजिका व मतदाता सूची में दर्ज करा रखी है। हालांकि यह बात तो पूरी तरह गलत व अवैध है लेकिन भारतीय प्रशासन के बाद अब तक इस तरह का कोई सिस्टम नहीं, जिससे नेपाली नागरिकों के नाम भारतीय मतदाता सूची से अलग किया जा सके। इतना ही नहीं जिला अथवा तहसील प्रशासन द्वारा इस तरह की कोशिशें कभी देखने को नहीं मिली। निश्चित रुप से इसका असर चु्नावों के दौरान मतदान के प्रतिशत और इसकी पारदर्शिता पर अवश्य दिखाई देता है।

भारत में होने वाले चुनावों के दौरान हजारों की संख्या में नेपाली नागरिक अपने भारतीय वोटर कार्ड पर अपने मताधिकार का उपयोग करते हैं। इस मामले में यह बता देना आवश्यक होगा कि प्रशासन द्वारा मतदाता सूची के संशोधन व इसे अपडेट किये जाने के समय इस बात के सख्त निर्देश है कि किसी भी ऐसे व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में कत्तई न दर्ज की जाय, जो उस स्थान का स्थायी नागरिक न हो, बावजूद इसके

यदि हम तहसीलो की बात करें तो ऐसे हजारों नागरिकों के नाम भारतीय मतदाता सूची में दर्ज हैं, जो नेपाली नागरिक हैं। न केबल सूची में उनके नाम दर्ज हैं, अपितु उनके नाम संशोधन के साथ लगातार अपडेट भी होते जा रहे। यह बात अलग है कि कुशीनगर में इनकी संख्या कम है ।

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