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संसाधन के अभाव में अपराधियों के सामने बदहाल पुलिस

मिथिलेश कुमार/अजय कुमार त्रिपाठी
टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरों
दुदही/कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में तीव्र गति से बढ़ रहे अपराध के सामने बदहाल व अस्त-व्यस्त थानों की घीसी-पीटी व्यवस्था कहीं जिम्मेंदार मानी जाने लगी हैं। उ0प्र0 की सीमायें पडोंसी राष्ट्र नेपाल व पडोसी राज्य बिहार को जोड़ती है। प्रदेश में नक्सली गति विधियां व तस्करी के वस्तुआंे का आयात बहुधा इन्ही सीमाओं से होता रहता हैं। इतना ही नहीं बहुत ऐसे भी अपराधी हैं जो अपराध के बाद नेपाल और बिहार में अपनी शरण स्थली बना लेते हैं और पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो जाते हैं। ऐसंे सीमा पर बने पुलिस थाने की बदहाल स्थिति दीवार बनकर खड़ी हो जाती है। जिससे पुलिस अपराधी के सामने बौना साबित होती हैं। सीमा पर बने पुलिस थानों को अत्याधुनिक साधनों से युक्त बनाया जाना चाहिये।
कुशीनगर जनपद के थाना बरवापट्टी, विशुनपुरा, सेवरही, पटहेरवा ये थाने पडोंसी राज्य बिहार की सीमा पर स्थित है। इन थाना क्षेत्रों के रास्ते पशु तस्करी, गाजा, चरस सहित मासूम बच्चियों को भागाने जैंसे अपराध किये जाते हैं यद्यपि पुलिस इन पर पैनी नजर रखती हैं परन्तु संसाधन के अभाव मे पुलिस के हाथ अपराधियों के गिरबान तक नही पहुच पाते। जिसका प्रमुख सीमा पर स्थित थानों की बदहाली है। इन थानों पर सिपाहियों की संख्या मंे कमी, महिला पुलिस का अभाव, खटारा वाहन के साथ अत्याधुनिक हथियारों कमी हमेंश से बनी हुयी हैं। इसके साथ ही अग्रेंजों के जमाने से चला आ रहा पुलिस एमूलेसन एक्ट भी कम उत्तरदायी नहीं हैं।
यू0पी0 और बिहार की सीमा पर स्थित थाना बरवापट्टी यहाॅ आरक्षी आवास, यातायात के साधन, शस्त्रों की संख्या के साथ मूल भूत सुविधाओं का अभाव पुलिसिंग को प्रभावित कर रहा हैं। यही हाल थाना विशुनपुरा का हैं। 45 सिपाहियों के जगह वर्तमान में 32 सिपाही हैं। थाने का वाहन डग्गामार वाहन से कही कम नहीं हैं । सबसे बुरा हाल थाना पटहेरवा के सीमा पर स्थित कटेया थाना गोपालगंज बिहार का है। प्रथम दृष्टया थाना किसी अजायबघर जैसा भी नहीं दिखता। सीमा पर स्थित महत्वपूर्ण थाने में महज 12 सिपाही तैनात हैं। 12 आउट पोस्ट हैं जो कागजपूर्ति मंे ही है। तस्करी के दृष्टिकोण से यू0पी0 के थाना तरया व पटहेरवा के बाद बिहार का कटेया थाना अतिमहत्वपूर्ण हैं। परन्तु अपनी बदहाली के कारण जो पुलिसिंग होनी चाहिये नहीं हो पाती हैं। ऐसे में अपराधियों के हाथ जहाॅ अत्याधुनिक साधन है वही पुराने घीसी-पीटी  साधन से हमारी पुलिस अपने आप को अक्षम पा रही है।
क्या कहते हैं थानेदार
कुुशीनगर के थाना बरवापट्टी में तैनात थानाध्यक्ष सौदागर राय का कहना हैं कि थाना का क्षेत्रफल छोटा है परन्तु रेतीले रास्ते पुलिस को अपना काम करने में बाधा डाल रहे हैं।
कुुशीनगर के थाना विशुनपुरा हरिश्चन्द्र राम का कहना हैं कि पुलिस कम संसाधन में भी अपनी जिम्मेदारी बखुबी निभा रही हैं परन्तु कभी कभी संसाधनों का अभाव पंगु बना देता हैं।
कुुशीनगर के थानाध्यक्ष पटहेरवा कमला यादव का कहना है कि संसाधन का अभाव स्वास्थ पर भी प्रभाव डाल रहा हैं। फिर भी हम अपने उत्तरदायित्वो को निभा रहे हैं।
थानाध्यक्ष सेवरही जैसराज यादव का कहना है कि संसाधन का अभाव हमारे कर्तव्य पालन नहीं रोक सकता।  
वही विहार प्रान्त के गोपालगंज जिले के थानाध्यक्ष कटेया बी0पी0 आलोक का कहना है कि कभी-कभी यू0पी0 की पुलिस किसी अपराधी भागने की सुचना देती हैं तो हम यातायात के साधन खटारा जीप से जातें रह जाते है। सही टाईमिंग नही पहुंचने से अपराधी भगाने में सफल हो जाते हैं। थाने पर सिपाहियों की कमी है। यदि हमें संसाधन युक्त कर दिया जाये तो बिहार की पुलिसिंग में गुणात्मक सुधार नजर आएगा ।

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