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इतालवियों ने माना धर्म नहीं एक कला है बुद्धिज्म


टाईम्स आफ कुशीनगर ब्यूरो।
कसया, कुुशीनगर। बुद्धिज्म धर्म नही एक कला है। जो जीवन को सहज और सरल तरीके से जीना सिखाता है। जिसका असर साफ-साफ इतालवी नागरिकों पर देखने को मिला।
भगवान बुद्ध की परिनिवार्ण स्थली कुशीनगर में आये कैथोलिक धर्म को अपनाने वाले इटली के नागरिक बुद्धिज्म को धर्म नहीं बल्कि एक कला के रूप में देखते हैं। जिसके कारण मेडिटेशन, ध्यान और योग की पद्धतियों को इटली में तेजी से लोकप्रियता मिल रही है।
शनिवार को कुशीनगर आए इतालवी नागरिकों ने अपनी धर्म की खूबियों से बौद्ध धर्म की तुलना कर इसके गहराई में शान्ति पाया। अपने अनुभव को साझा करते हुए कुछ इतालवी नागरिकों में शिसली की एलिसा मानती है कि बुद्ध अपने जीवन काल में भले ही इटली न पहुंच पाए पर इटली के नागरिक बुद्ध के उपदेश, ज्ञान व कला से अनभिज्ञ नहीं हैं। कॉरपोरेट जगत से जुड़ी एलिसा का कहना है कि बुद्धिज्म बिना किसी को नुकसान पहुंचाए जीवन को सहज व सरल तरीके से जीने की कला सिखाता है।
वही शिशु कल्याण कार्यक्रमों से जुड़ी रोम की सिल्विया माने तो इटली एक कृषि प्रधान देश है। आज भी वहां परंपरागत तरीके से खेती होती है। खेती की व्यस्तताओं के बीच भी वहां के किसान भी ध्यान और योग के लिए समय निकाल लेते हैं। वही कॉरपोरेट सेक्टर से जुड़े फ्यूसनस ने एक दूसरे देशों की तकनीक व शिक्षा को साझा करने की जरूरत की वकालत की। मिलान में रेशमी वस्त्र बनाने के कारोबार से जुड़े ऐलियस भारत रोम के प्राचीन संबधों को पुनर्जीवित करने के पक्षधर दिखें हैं।
इस दौरान दल के सदस्य मरीशा, एलिसन, ट्रालीपार्डिपोर्ट, मरियम, जूलियट आदि ने कहा कि बुद्ध का विपश्यना साधना पद्धति संपूर्ण विश्व में तेजी से फैल रहा है। बुद्धिज्म विश्व में समानता की बात कहती है। उन्होंने कहा कि कुशीनगर बौद्धों की महातीर्थ स्थली होने के कारण यहां की भूमि काफी उर्वरा है। यह संदेश पूरे विश्व में फैला है। यहां साधना के लिए लोग आना चाहते हैं।

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