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कुशीनगर में एक ऐसा शिवलिंग जिस पर स्वतः प्रवाहित होती है जलधारा


टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरो।
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक ऐसा शिव मन्दिर है जहां सावन आते ही शिवलिंग पर जल धारा प्रवाहित होने लगती है। स्थिति ऐसी हो जाती है कि शिवलिंग सावन के समाप्ति तक जलधारा से डूबा रहता है।
कुशीनगर का सौकड़ों साल पूराना यह शिव मन्दिर जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण-पश्चिम दिशा में करहिया गांव में स्थित है। बताया जाता है कि यह शिव लिंग महाशिव रात्रि के दिन जमीन से बाहर निकला था।
शिवलिंग की प्राचीनता और चमत्कार को देखते हुए यहां भक्तों के आने का सिलसिला हमेशा लगा रहता है। सावन में यहां श्रधालुओं की भीड़ काफी बढ़ जाती है। यह सिलसिला सावन भर बना रहता था। जो श्रद्धालु यहां सच्चे मन से शिव की आराधना करते हैं उनकी मुरादें पूरी होती हैं।
मन्दिर के बारे में बताते हुए महन्थ रामलाला कहते है कि मन्दिर में सावन का महिना शुरू होते ही शिवलिंग के बगल से एक जल धारा प्रवाहित होती है और शिवलिंग उसी में डूवा रहता है। जैसे ही सावन का महिना समाप्त होता है जलधारा का प्रवाह बन्द हो जाता है। रविवार से ही जल का प्रवाह शुरू हो गया है यह पूरे सावन तक चलेगा।

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