बौद्ध श्रद्धालुओं का कुशीनगर में बर्षावास शुरू
टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरों
कुशीनगर । बौद्ध धर्मानुयायिओं के सातवे तीर्थ परिनिवार्ण स्थली कुशीनगर में बौद्ध श्रद्धालुओं का बर्षावास शुरू हो गया है। तीन माह तक बौद्ध श्रद्धालु कुशीनगर में ही निवास करेगे।
इसकी शुरूआत शनिवार को आषाढ़ी पूर्णिमा के साथ हो गयी। बौद्ध धर्म में पूर्णिमा का बढ़ा महत्व है। आषाढ़ी पूर्णिमा उसमें विशेष है। भन्ते बोध्यांग तथा भन्ते ज्ञानवंश ने बताया कि आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन ही बुद्ध अपनी मां के गर्भ में आये थे। बुद्ध ने इसी दिन राज दरबार का परित्याग किया था तथा ज्ञान प्राप्ति के बाद सारनाथ में प्रथम धम्मोपदेश दिया था।
आषाढ़ी पूर्णिमा से ही तीन माह तक चलने वाले वर्षावास का प्रारम्भ होता है। जिसकी परम्परा भगवान बुद्ध ने राजगिरि में प्रारम्भ की थी। अब तीन माह तक बौद्ध भिक्षु कुशीनगर में ही निवास करेगें जब कि बर्षवास का समय पूरा नही हो जाता।
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