पूज्य शंकराचार्य स्वामी जयेन्द्र सरस्वती जी महाराज पर लगाया गया आरोप एक ईसाई षड्यन्त्र था। - अशोक सिंहल
कोलकाता । गत 27 नवम्बर को कांची के पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी जयेन्द्र सरस्वती जी महाराज को हत्या के आरोप से न्यायालय ने मुक्त कर दिया है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि 2004 की दीपावली की अमावस्या की रात्रि के अन्धेरे में आन्ध्र के ईसाई मुख्यमंत्री राजशेखर रेड्डी द्वारा महबूब नगर में उन्हें एक बड़े षड्यन्त्र के अन्तर्गत गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी भारत के हिन्दू समाज के सर्वश्रेष्ठ शीर्षस्थ महात्मा को अपमानित करने के लिए की गयी थी।
सोनिया जी जब से भारत में आयीं हैं, वह हमारी धार्मिक व सांस्कृतिक आस्थाओं को कुचल रही हैं। हमारा समाज 2,500 वर्ष से ख्यातिनाम भारत के सर्वश्रेष्ठ शांकर मत के आचार्याें को भगवान के समान ही मानता आया है। उनको केवल अपमानित ही नहीं किया गया वरन उनके प्रति समाज की श्रद्धा व सम्मान का मीडिया द्वारा उपहास उड़ाया गया। यह योजनाबद्ध रूप से सन्तों, आचार्याें, महन्तों और महात्माओं के प्रति श्रद्धा को समाप्त करने के लिए जानबूझ कर अपनाया गया खुलेआम ईसाई षड्यन्त्र था।
न्यायालय ने यह स्पष्ट कहा है कि जांच करने वाले पुलिस अधिकारी प्रेम कुमार ने, उसे जो अधिकार प्राप्त है, उसका अतिक्रमण ही नहीं किया बल्कि गवाहों को व्यक्तिगत रुचि लेकर तैयार किया। इससे यह स्पष्ट है कि वेटिकन की खतरनाक गुप्त संस्था ‘ओपस डाई’ (वचने कमप) जो हमारे ख्यातिनाम हिन्दू सन्तों को बदनाम करने का कार्य कर रहे हैं, उसका इसमें बहुत बड़ा हाथ है।
श्रीमती सोनिया जी वेटिकन की होने के कारण यह काम अदृश्य रूप से इस गुप्त संस्था के माध्यम से सन्तों के प्रति विद्यमान निष्ठा, सम्मान और श्रद्धा को नष्ट करने के लिए करवा रही हैं। इतने महानतम एवं शीर्षस्थ सन्त का मुकदमा छह महीने में पूरा हो सकता था; लेकिन उसे नौ वर्ष तक जानबूझकर खींचा गया। इससे ‘ओपस डाई’ अपनी योजनानुसार कार्य करने में सफल रही।
सोनिया एक चतुर राजनीतिज्ञ हैं। उसे पता है कि भारत पर राज्य करने के लिए उन्हें सन्तों और हिन्दुत्ववादी संगठनों के प्रभाव को समाप्त करना होगा। इसलिए उन्हें अपराधी बनाने का यह एक ईसाई षड्यन्त्र था, जिससे समाज उन्हें हेय दृष्टि से देखे। पूज्य स्वामी जी के बेदाग छूट जाने से अब यह षड्यंत्र पूर्ण रूप से उजागर हो गया है। प्रज्ञा भारती, असीमानन्द जी और अब तो मैं कह सकता हूं कि आसाराम बापू, जिनके करोड़ों अनुयायी भारत में हैं, उन्हें अपराधी घोषित करने का षड्यन्त्र किया जा रहा है।
सोनिया जी के इस घृणित प्रयास को हिन्दू समाज कभी माफ नहीं करेगा। उनको कभी न कभी इसका जवाब देना पड़ेगा। समय आ गया है कि सेक्युलरवाद का नारा लगाने वाली सोनिया जी और ऐसे ही नास्तिक संगठन, जिसमें मुलायम सिंह जैसे अनेक नेता सेक्युलरवाद के नाम पर हिन्दू संस्कृति और मान्यताओं को नीचा दिखाने में लगे हैं, उनसे पूरा समाज सचेत हो जाये और आने वाले संसदीय चुनाव के महाभारत में उनका पूर्ण सफाया कर दे। तभी हिन्दू समाज और हमारे सन्त सुरक्षित रह सकते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं
टिप्पणी करने के लिए आप को धन्यबाद!
.................................TIMES OF KUSHINAGAR