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उच्च न्यायालय ने बेसिक शिक्षा सचिव को किया तलब, मामला पदोन्नत का


कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में बिना पदोन्नति के ही समायोजन किए जाने के मामले में उच्च न्यायालय ने बेसिक शिक्षा सचिव को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह याचिका सहायक अध्यापक दुर्गेश त्रिपाठी प्राथमिक विद्यालय द्वारा दायर की गयी थी। जिसके सुनवाई के दौरान न्यायालय ने यह फरमान सुनाया है।

ज्ञातव्य हो कि कुशीनगर में बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक दुर्गेश त्रिपाठी ने इस सम्बन्ध में न्यायालय में याचिका दाखिल कर यह बताया था कि 21 जुलाई 2011 को प्राथमिक विद्यालय के विज्ञान अध्यापकों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में समायोजित/स्थानांतरित कर दिया गया।

 जबकि शासनादेश के अनुसार विज्ञान अध्यापकों का पद प्रोन्नति का पद है। सर्वप्रथम प्राथमिक के प्रधान अध्यापकों को जो विज्ञान के आधार पर नियुक्त हैं को पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में समायोजित किया जाए। इसके बाद भी अगर सीटें रिक्त रह जाती हैं तो शासनादेशानुसार प्राथमिक विद्यालयों के विज्ञान अध्यापकों को वरिष्ठता सूची बनाकर पदोन्नति देते हुए समायोजित किया जाए। बताते चले कि समायोजन पर शिक्षण कार्य करने वाले करीब 53 शिक्षक हैं जो प्रोन्नति पाने के दावेदार हैं।

न्यायालय में दाखिल याचिका में दुर्गेश त्रिपाठी ने बताया है कि शासनादेश का उल्लंघन करते हुए उन लोगों को पदोन्नति दिए बिना ही समायोजित कर लिया गया। जबकि उन लोगों को पदोन्नति मिलने के साथ वेतन भी उसी आधार पर मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता के रिट पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश वीके शुक्ला ने बेसिक शिक्षा सचिव को शपथ पत्र दाखिल कर जवाब देने का निर्देश दिया है।

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