कुशीनगर में नीची उड़ान पर कुछ ही महिनों लगेगी रोक
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीगर से नीची उड़न पर रोक लगा दी जायेगी है। इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग इसकी तैयारी में जूट गया है। क्योकि इन्टर नेशनल एयरपोर्ट के निमार्ण के बाद हवाई जहाजों से उत्पन्न शक्तिशाली विद्युत-चुम्बकीय तरंगों से प्राचीन स्मारकों पर दुष्प्रभाव का खतरा बढ़ जायेगा।
ज्ञातव्य हो कि बर्ष 1876 ई0 में कुशीनगर की पुरातात्विक खुदाई से प्राप्त प्राचीन बुद्ध विहार, स्तूप एवं अन्य स्मारकों के अवशेष काफी क्षरित हो रहे हैं। जिसके क्षरण का खतरा बढ़ता जारहा है।
इधर उड़ान शुरू होने के बाद जब तेज गति व आवाज के साथ वायुयान इनके उपर से गुजरेगा तो इनसे उत्पन्न शक्तिशाली विद्युत-चुम्बकीय तरंगे कंपन पैदा करेगी। जिससे प्राचीन स्मारकों में दरार पड़ सकती है।
इसके बचाव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने उड्डयन विभाग से संपर्क कर देश के अन्य स्थानों के स्मारकों की तरह उड़ान प्रतिबंध की भांति कुशीनगर को भी उड़ान निषिद्ध क्षेत्र घोषित कराने के प्रयास में लगा है।
इस संदर्भ में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पटना अंचल के अधीक्षण पुरातत्वविद मदन सिंह चैहान ने बताया कि सर्वे कराने के बाद देश के अन्य स्मारकों की भांति यहां भी उड़ान निषिद्ध क्षेत्र घोषित कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है ।
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