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नाराज जनता को मनाने में जुट गया पेट्रोलियम मंत्रालय

केरोसीन छोड़ने पर मुफ्त होगा एलपीजी कनेक्शन!


  
नई दिल्ली । पेट्रोलियम उत्पादों को लेकर सरकार के हाल के कुछ फैसलों से नाराज जनता को मनाने में पेट्रोलियम मंत्रालय जुट गया है। मंत्रालय ने उन सभी राज्यों के गरीबों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देने का मन बनाया है, जो केरोसीन मुक्त होने की योजना को लागू करेंगे। यानी केरोसीन छोड़ने की शर्त पर गरीबों को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन मिल सकता है। इसका आधा बोझ राज्य सरकारें उठाएंगी और आधा तेल कंपनियां।

पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक गरीबी रेखा के नीचे [बीपीएल] वाले लोगों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन देने की योजना को नए तरीके से लागू किया जाएगा। यह योजना वैसे तो दो वर्ष पहले तैयार हुई थी, लेकिन वित्त मंत्रालय के विरोध की वजह से लागू नहीं किया जा सका था। माना जा रहा है कि अगले कुछ महीनों में विधान सभा चुनावों और आगामी आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली इस योजना को लागू करने में खास रुचि दिखा रहे हैं। इस तरह की योजना दिल्ली में पहले से लागू है। केंद्र सरकार अन्य राज्यों खास तौर पर कांग्रेस शासित प्रदेशों को इसे लागू करने के लिए मना रही है।

योजना के तहत राज्य सरकारों को अपने प्रमुख शहरों, जिला या ब्लॉकों को केरोसीन मुक्त करने का अभियान चलाना होगा। जहां यह अभियान चलेगा, वहां गैर-एलपीजी कनेक्शन वाले परिवारों की पहचान की जाएगी। इसके बाद उन्हें केरोसीन इस्तेमाल छोड़ने की शर्त पर कनेक्शन दिया जाएगा। कनेक्शन लेने का खर्च 1600 रुपये है। इसका आधा हिस्सा राज्य सरकार देगी और बाकी पैसा तेल कंपनियां। अगर संभव हुआ तो बेहद रियायती दर पर गैस चूल्हा भी दिया जाएगा।

योजना को सफल बनाने के लिए तेल कंपनियों को अपने कारपोरेट दायित्व कोष [सीआरएफ] का 20 फीसद बीपीएल को कनेक्शन देने पर खर्च करने के लिए तैयार भी किया जा चुका है।
पेट्रोलियम मंत्रालय का आकलन है कि तेल कंपनियों के सीआरएफ से कनेक्शन का खर्च उठाने के बावजूद यह योजना तेल कंपनियों के लिए फायदे का सौदा साबित होगा। इससे भारी भरकम केरोसीन सब्सिडी [अप्रैल-सितंबर, 2012 में 14,331 करोड़ रुपये] का भार खत्म हो सकेगा। चूंकि हर परिवार को फिलहाल सब्सिडी वाले सिर्फ छह गैस सिलेंडर ही देने हैं, इसलिए सरकार पर ज्यादा सब्सिडी बोझ भी नहीं पड़ेगा।

इस योजना को लागू करने के पीछे मोइली का एक मकसद पेट्रोलियम उत्पादों के हाल के फैसले से नाराज आम जनता को रिझाना भी है। सूत्रों के मुताबिक वीरप्पा को पेट्रोलियम मंत्री का पदभार इस निर्देश के साथ दिया गया था कि डीजल या रसोई गैस कीमत वृद्धि से नाराज जनता के गुस्से को शांत करने के लिए कुछ ठोस कदम उठाएंगे। यही वजह है कि मोइली ने तेल कंपनियों को पेट्रोल को दो बार सस्ता करने के लिए मनाया है। वहीं सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर के सालाना कोटे को बढ़ाने को लेकर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा एजेंसी

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