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परिनिवार्ण स्थली ने कुशीनगर की जमीन को बना दिया सोना


कुशीनगर। भगवान बुद्ध की परिनिवार्ण स्थली ने कुशीनगर के किसान की जमीन को सोना बना दिया है। जिसमें मैत्रेय प्रोजेक्ट की घोषणा से लेकर अब तक कुशीनगर व कसया समेत आसपास के गांवों में जमीन की कीमतों में दस गुना की बढ़ोत्तरी हो चुकी है। 

ज्ञातव्य हो कि मैत्रेय परियोजना के लिये वर्ष 2004 में जब अधिसूचना जारी की गई तो कसया में जमीन का सर्किल रेट 600 से लेकर 1700 रुपये प्रति वर्ग मीटर था, जो वर्तमान में बढ़ते-बढ़ते 1800 से 5100 प्रति वर्गमीटर हो चुका है। निबंधन विभाग ने कसया से सटे गांवों अनिरुद्धवां, गोपालगढ़, झुगवां, विशुनपुर विंदवलिया, भरौली, भलुही, मथौली, सबयां को अर्ध शहरी क्षेत्र मानकर यहां भी शहरी क्षेत्र के समान सर्किल रेट तय कर दिया।

इन गांवों की जमीन की स्थिति के अनुसार 3000 से लेकर 4800 रुपये प्रति वर्गमीटर तक का सर्किल रेट लिया जा रहा है। वर्ष 2003 में इन गांवों की जमीन का सर्किल रेट 700 से लेकर 1200 रुपये प्रति वर्गमीटर तक था। सर्किल रेट चाहे जो हो, वर्तमान में जमीन बाजार मूल्य के हिसाब से 5000 से लेकर 6200 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से बिक रही हैं। यही जमीन मैत्रेय व इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना की लांचिंग के पूर्व 500 से लेकर 700 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से बिकती थीं।

जानकारों के अनुसार प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नवविकसित क्षेत्रों में 4000 से लेकर 5000 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से जमीन बिक रही है। वही मैत्रेय परियोजना की लांचिंग के बाद तो आवासीय जमीन 2500 रुपये प्रति वर्गमीटर तक लोगों का मिल जाया करती थीं, लेकिन वर्ष 2010 में इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना की लांचिंग के बाद जमीन के दाम मुंहमांगे हो गये। विशेषकर कुशीनगर में पर्यटन आधारित सुविधाओं जैसे होटल, मेडिटेशन सेंटर आदि के लिये जमीन की मांग दरो में वृद्धि करने में सहायक सिद्ध हुई है।


दरअसल दोनों ही परियोजनाओं के आने के बाद बाहरी क्षेत्र के लोगों खासकर बिहार, अगल-बगल के जनपदों व खाड़ी देशों में रोजगार से पैसा कमाने वाले लोग कुशीनगर की ओर आकर्षित हुए हैं। यही कारण है कि जमीन के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।

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