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प्यास बुझाने लिए दुसरे गांव के सहारे है कुशीनगर का बंगरा गांव


कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक ऐसा गांव है, जहां के बासिन्दों को अपनी प्यास बुझाने के लिए दुसरे गांव का सहरा लेना पड़ता है। तब जाकर गांव  के लोगों की प्यास बुझती है।

कुशीनगर के दुदही विकास खंड में स्थित यह गांव बंगरा रामबक्स राय के नाम से प्रसिद्ध है। यहां की स्थिति ऐसी कि लोगों को शुद्ध पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। पानी के लिए ग्रामीण गांव से एक किमी दूर तमकुही विकास खंड के बरवा राजापाकड़ में स्थापित ओवर हेड टैंक के पोस्ट से पानी लाने को मजबूर है। क्यों कि गांव ऐसा कोई नल नही जिससे उन्हे शुद्ध पानी मिल सके। ऐसे में वे यहां सुबह-शाम गैलनों, बोतलों व बाल्टियों में पानी भरने के  कतार लगा कर पानी भरते है।

एक तरफ जहां पूर्व जिलाधिकारी आर सैंफिल ने छोटे हैंड पंपों की जिले में बिक्री तथा इनका पानी पेयजल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। इस वजह से ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए इंडिया मार्क टू हैंडपंपों पर आश्रित होना पड़ा। 

किंतु स्थिति यह है कि इन हैंडपंपों में से अधिकांश या तो खराब होकर बेकार पड़े है या फिर पीला व बदबूदार पानी दे रहे है जो स्वास्थ्य के लिए घातक है। ऐसी स्थिति में पेयजल को लेकर सतर्क ग्रामीण एक किमी दूर से पीने के पानी को लाने को मजबूर है। अपनी ब्यथा सुनाते हुए ग्रामीण गुड्डू शुक्ल, अनवर, राम बिहारी, नेजाम, विकास, कन्हैया प्रसाद, सकल प्रसाद ने कहा कि यह अबकी बार चुनावी मुद्दा होगा। जो हमे पानी नही दे सका उसे बोट नही मिलेगा।

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