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विदेश मे रखे काले धन से कई वर्षो तक चल सकता है कर मुक्त व्यापार और सुशासन


टाइम्स आफ कुशीनगर ब्यूरों
कुुशीनगर, । भारत का विदेश मे रखे काले धन से कई वर्षो तक कर मुक्त व्यापार एवं प्रशासन चल सकता है। जिसके बाद सिंगल ट्रांजेक्शन टैक्स लगाकर देश के लोगों का बहुस्तरीय शोषण रोका जा सकता है। इसके लिए 400 लाख करोड़ रूपयो से अधिक इस धनराशि को राष्ट्रीय संपत्ति धोषित करना होगा।

कुशीनगर के पडरौना मे आयोजित राष्ट्रीय समस्याओ के समाधान शीर्षक पर विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता व भाजपा की सम्भावित प्रत्याशी प्रोफेसर कुसुम लता केडिया ने अपने विचार व्यक्त किये। उन्होने कहा कि कहा कि काग्रेस सरकार ने विदेशी कर्जे मे देश को डूबा दिया। काग्रेस के गलत नीतियो के कारण काले धन और समाजिक विकृतियो को जन्म दिया। फिर भी भारत के पास पुरूषार्थ की कमी नही है। न्यायपूर्ण वितरण और सुशासन से हम पुनः हम विश्व के अग्रणी देश होगे। हमारा इतिहास है हम विश्व के धनी देश 20 वीं सताब्दी के प्रारम्भ तक थे। तथा यह देश लाखो वर्ष तक ब्यापार और सधन कृषि-सुसम्पन्न रहा है। गंगा माता का कछार संसार में सबसे उपजाउ भूमि हैै। यहां 1914ई.सेे मध्य अनेक चीनी मिले हमने ही बनाई। उद्योग, व्यापार एवं कृषि-उपज का यह केन्द्र था। हजारो साल से भारत का विश्व भर में ब्यापार चलता था सूरत के एक जगत सेठ की एक हुंडी से समस्त इण्डिया कम्पनी की कुल पंूजी को खरीदा जा सकता था।
केडिया ने कहा कि यूरोप मे 100 साल पहले तक केवल घोड़े की पीठ पर व्यापार होता था। जबकि हमारे यहां लाखों वर्षो से सड़के है। वहंा  केवल छोटी- छोटी डोंगिया चलती थी, हमारे यहां बैदिक काल से विशाल नौकायेंह ै। राजस्थान में लक्खी बंजारे होते थे, जो एक लाख बैल गाडि़यों के मालिक हुआ करते थे। इतने विशाल ब्यापार की रक्षा के लिए हमारे यहां विशाल चतुरंगिणी सेनाये थीं। भगवान राम के समय से महाभारत काल तक और बाद में 1947ई. तक हमारी विशाल सेनाये थी। परन्तु नेहरू जी ने भारतीय सैन्य बल की उपेक्षा की। द्वितीय विश्व महायुद्व में हमारे 25 लाख सैनिक इंगलैड़ की सहायता को गये थे। जाहिर है उससे ज्यादा सैनिक हमारे देश में भी थे। आज हमारी सेनायें 14-15 लाख सैनिक ही है। यह सैन्य बल की उपेक्षा का परिणाम है।
प्रोफेसर केडिया ने कहा कि हूण, मंगोल, कुषाण, मांचू आदि सब भारतवंशी क्षत्रिय जातियंा है। जर्मनी में हूणो का राज्य था, जो स्वयं को आर्य कहते थे। चीन पर भारतवंशी हूणो, मंगोलों और मंाचुओं नें 20वीं, शताब्दी के प्रारम्भ तक शासन किया। हमारी नौसेनायें अपराजेय रही है। जर्मनी से इंग्लैड की रक्षा हमारी सेनाओं ने की थी। वीरता और युद्व की हमारी गौरवशाली परम्परा रही है।

प्रोफेसर केडिया ने कहा कि स्वामी रामदेव जी ने राष्ट्र मे नयी चेतना का संचार किया है। भारत का विदेश मे गया काला धन 400 लाख करोड़ रूपयो से अधिक है। उसे राष्ट्रीय संपत्ति धोषित करना है। उससे कई वर्षो तक कर मुक्त व्यापार एवं प्रशासन संभव होगा। सिंगल ट्रांजेक्शन टैक्स लगाकर देश के लोगों का बहुस्तरीय शोषण रोका जा सकता है। काला धन राष्ट्रीय संपत्ति घोषित हो। कर प्रणाली सरल-सुसंगत हो. सैन्य बल बढ़े, तथा ज्ञान की साधना बढे। स्वदेशी जीवन शैली एवं स्वदेशी चिकित्सा पद्वति चले। तब भारत पुनः विश्व मे महाशक्ति बन कर उभरेगा तथा जगतगुरू के रूप में प्रतिष्ठित होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात चिकित्सक डा. त्रिपाठी ने की। अन्य वक्ताओ में दार्शनिक प्रो. रामेश्वर प्रसाद मिश्र, अधिवक्ता जगदीश लाल , समाजसेवी दीप नारायण अग्रवाल, नगर संघ चालक एवं प्रख्यात चिकित्सक डा. विपिन विहारी चैबे थे। कार्यक्रम का संचालन प्रो.. प्रेमचन्द सिंह ने किया। कार्यक्रम संयोजक प्रकाश कुमार थे। आयोजक भारत स्वाभिमान की नगर इकाई एंव व्यापार महासंघ, चिकित्सक संघ एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वरिष्ठ लोग थे।

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