नारायणी के किनारे बसे लोगों में अभी से दिखने लगा बाढ़ का खौफ
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में नारायणी के किनारे बसी जनता पर बाढ़ की तबाही का खौफ अभी से दिखायी देने लगा है। कुशीनगर का यह इलाका हर बर्ष बाढ़ की त्रासदी धीरे-धीरे मर-मर के झेल जाता है।
बाढ़ की तबाही बांधों के किनारे गुजर बसर कर रहे लोगों से सुन शरीर कांप उठता पर अफसोंस विभाग को जू तक नही रेंगता। बाढ़ की विभीषिका से हर वर्ष त्राहि-त्राहि कर रहे लोगों की सांसे 15 जून से अगस्त तक हर वर्ष अटकी रहती हैं।
हलात ऐसी है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी बचाव का स्थायी समाधान अभी तक न हो सका। संवेदनशील बांधों की मरम्मत के प्रति विभाग उदासीन है और इधर मानसून सत्र में महज 17 दिन शेष है। कुशीनगर में नारायणी नदी के किनारे अहिरौलीदान-पिपराघाट (एपी), अमवा खास, रिंग बाध, छितौनी दरगौली बाध, केबी बाध, छितौनी पिपरासी बाध, छितौनी-बुढ़वा समेत दर्जन भर बांध पांच दशक पूर्व बनाए गए। पानी का दबाव एपी व अमवा खास बांधों पर सर्वाधिक होने के नाते इन्हीं क्षेत्रों में हर वर्ष पानी का ताण्डव देखने को मिल जाता है।
ज्ञातव्य हो कि कुशीनगर में नारायणी नदी की त्रासदी से हर वर्ष बाढ़ की तबाही में गरीबों की अरमान देखते ही देखते नदी में विलीन हो जाते है इन त्रासदियों में ध नही नही जन की भी बड़े स्तर पर हानी हो जाती है और यह सब शासन और प्रशासन देखता ही रह जाता है और बरसात बाद सब भूल जाते। अब तो नदी किनारे बसे लोगों का बसना और उजड़ना मानों उनकी आदत ही बन गयी है। एपी बांध के एक्सटेंशन नरवाजोत बांध की स्थिति अत्यंत संवेदनशील हो चली है बरसात के पूर्व ही पानी के दबाव से कटान तेज हो गया है। बरसात के बाद उत्पन्न होने वाले संकट से नागरिक डरे सहमे हैं।
इधर बांधों को सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश सरकार हर वर्ष अरबों रुपये पानी की तरह बहाती है, फिर भी जिले में बाढ़ की विभीषिका का कोई स्थायी समाधान होता आज तक नही हो सका है ।
इधर राजनीतिक पैरते कहा जाय या समाज सेवा पर एपी व अमवाखास बांध के किसी भी प्वाइंट पर बाढ़ खंड द्वारा अब तक मरम्मत कार्य शुरू न कराने से नाराज तमकुहीराज के कांग्रेसी विधायक अजय कुमार लल्लू समर्थकों व ग्रामीणों के साथ शुक्रवार से ही नरवाजोत बांध पर धरना दे रहे हैं। मानसून सत्र सिर पर होने के बाद भी विभागीय कोई पहल न होने से विधायक ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है।
इधर विधायक की हरकत पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता वीपी सिंह कहते हैं कि कमजोर क्षेत्र के बांधों के मरम्मत के लिए विभागीय प्रयास कर रहा है। रिपोर्ट शासन को भेजी गयी है। धन मिलते ही कार्य शुरू करा दिए जाएंगे।
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