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भाजपा लगाये बैठी आश, इन्तजार की घड़ी कब होगी समाप्त

चार बार जीते रामनगीना, पांचवी के लिए बहाया खुब पसीना


केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री की भी साख खतरे में

टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरो
कुशीनगर। भगवान बुद्ध की परिनिवार्ण स्थली कुशीनगर के नाम से जानी जाने वाली गोरखपूर मण्डल की अति महत्वपूर्ण सीट कुशीनगर लोकसभा को जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी एक दसक से इन्तजार कर रही है।
दो चुनावों से दूर रही भाजपा ने इससे पूर्व चार बार पडरौना लोक सभा सीट (जो बाद में कुशीनगर के नाम से जानी जाने लगी) पर कब्जा जामाये रखा था। जब कब्जे से यह सीट बाहर हुयी तब से पाचवी जीत के लिए भाजपा एक दसक से आश लगाये हुए है। कि कभी तो मतदाता हमें अपना प्रतिनिधित्व करने का मौका देगें।



भाजपा की यह चार बार की जीत 1991 से 1999 तक हुए चार लोक सभा चुनाव में दर्ज की गयी। 1991 में जब लोकसभा पडरौना नाम से जानी ताने वाली कुशीनगर लोकसभा सीट पर जब भाजपा उम्मीदवार रामनगीना मिश्र विजयी हुए तो उन्होने सबको भरोसा दिलाया कि काम करेगें। फिर 11वे लोकसभा के लिए बर्ष 1996 के चुनाव में भाजपा सांसद रामनगीना मिश्र ही उम्मीदवार बने और जीत गयें। अफसोस कि यह सरकार ज्यादा दिन नही चल पायी और देश की जनता को पुनः दो साल बाद 1998 में मतदान का मुह देखना पड़ा। चुनाव हुआ और पडरौना लोक सभा सीट पर रामनगीना के रूप में भाजपा का परचम लहराया।



यह सरकार भी ज्यादे समय नही चल सकी और निवार्चन आयोग को पुनः 1999 में चुनाव कराया। सरकार के अल्प मत का घाव नया था। जिस पर जनता में मतदान का मरहम ऐसा लगा कि सरकार पाॅच साल तक चली। भाजपा सांसद के सारे बादे पडरौना लोक सभा की जनता ने पाॅच साल इस सरकार में देख लिये थे। उसके बाद इनके बातों को कोई भरोसा नही रहा जिसका कारण रहा कि उसके बाद भाजपा ने लड़ाई तो लड़ी पर पटकनी के सिवाय कुछ नही मिला। लोक सभा में भाजपा के बैनर लते चार-चार बार जीत दर्ज करा चूके रामनगीना मिश्र पुनः 2004 के चुनाव में भी प्रत्याशी बनाये गये। इस बार मतदाताओं ने ऐसा झटका दिया कि भाजपा चारों खाने चीत हो गयी। इसे कुशीनगर लोक सभा में चैथा स्थान मिला। नेलोपा के उम्मीदवार वालेश्वर यादव से रामनगीना मिश्रा बरी तरह हार गये। भाजपा ने फिर एक दाव हिन्दू युवा वाहनी नेता विजय दूबे पर लगाया और 2009 के चुनाव में विजय दूबें भी कांग्रेस प्रत्याशी आर पी एन सिंह से हार गये। उसके बाद से कुशीनगर में मतदाताओं पर ऐसा कोई रंग नही चढ़ा कि भाजपा को लोक सभा में जाने का मौका मिले। 



2004 से कुशीनगर लोकसभा के रूप में स्थित पडरौना संसदीय सीट पर चुनाव अति महत्व पूर्ण हो गया है। 16वंे लोकसभा में जाने के लिए इस बार कांग्रेस के बैनर तले चुनाव लड़कर लोकसभा में पहुचे केन्द्रीय गृहराज्य कुवर आर पी एन सिंह इस बार पुनः कांग्रेस के टिकट से चुनाव मैदान में है। वही पूर्व सांसद व केन्द्रीय मंत्री राजमंगल पाण्डेय के पुत्र राजेश पाण्डेय उर्फ गड्डू पाण्डेय भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में है। वही किसान की लड़ाई लड़ने वाले वाले जझारू समाजवादी पार्टी के हाटा विधायक राधेश्याम सिंह चुनाव मैदान में है। इसके साथ बसपा ने शिक्षा के क्षेत्र द्विगपरिचित डा. संगम मिश्रा को अपने प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा है। वही कुछ ही दिनों में दिल्ली ही नही पूरे देश की राजनीति में हलचल मचा देने वाले आप पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अखण्ड प्रताप सिंह भी इस बार अपना भाग्य आजमा रहे है ।


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