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अब इन्टरनेट से पढ़ी जायेगी संस्कृत -श्यामलेश



टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरो।
कुशीनगर। देववाणी संस्कृत को अब आधुनिकतम तकनीक इंटरनेट द्वारा पढ़ा, समझा एवं बोला जा सकता है। ऐसी तकनीकी व्यवस्था विश्व की किसी अन्य भाषा के लिए उपलब्ध नहीं है।

यह बातें क्षेत्र पत्राचार शिक्षण प्रमुख लखनऊ श्यामलेश ने सोमवार को स्थानीय महर्षि अरविंद विद्या मंदिर में संस्कृत भारतीय के तत्वावधान में आयोजित संस्कृत भाषा के विद्वानों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि इसमें हर महीने नए शिक्षार्थियों का नामांकन होगा। प्रवेश, परिचय, शिक्षा की चार प्रकार की परीक्षाएं होगी। 5 से 11 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए बाल केंद्रम, 6 से 10 वीं तक के छात्रों के लिए सरला, सुगमा, सरसा, सुख द्वारा संस्कृत शिक्षण एवं गीता शिक्षण केंद्रम के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा। 10 दिन का संस्कृत सम्भाषण शिविर प्रतिदिन 2 घंटे प्रमुख केंद्रों पर आयोजित होगा।

संस्कृत विद्वानों की इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे संस्कृत भारती गोरक्ष प्रांत के अध्यक्ष डा. कन्हैया झा ने संस्कृत भारती के उद्देश्यों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि संस्कृत को पुनः व्यवहार भाषा बनाना और इसके द्वारा जाति, मत, अंत, भाषा, ऊंच नीच आदि सभी भेद भावनाओं को मिटाकर सामाजिक समरसता लाना है। संचालन सुरेश प्रसाद गुप्त ने किया। समापन सर्वे भवन्तु सुखिनः मंगल मंत्र से हुआ।

इस अवसर पर प्रधानाचार्य चंद्रिका शर्मा, शैलेश मणि त्रिपाठी, अनिल कुमार दूबे, ओमप्रकाश भारती, शंभू शरण मिश्र, अशोक कुमार चैरसिया, तपनारायण, तुलसी प्रसाद आदि उपस्थित रहे।

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