लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेगे पिपराघाट के ग्रामीण
इस मुद्दे से प्रभावित है 50 हजार की आबादी
टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरो।
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में पिपराघाट गांव के ग्रामिणों ने 12 मई को सम्पन्न होने वाले लोक सभा चुनाव को वहिष्कार करने की योजना बनायी है। ये ग्रामीण इस योजना को सफल बनाने के लिए आस पास के अन्य गांवों से भी जनमत जुटा रहे है।
कुशीनगर का यह गांव देवरिया लोक सभा के सेवरही विकास खण्ड का एक भाग है। जो बर्षो से पिपरा घाट के टोला गोलाघाट पर पक्का पुल निमार्ण को लेकर आन्दोलन करते आ रहे है। गोलाघाट पुलि निमार्ण समिति ने इस बार इसे अपना चुनावी मुद्दा बनाया है।
इसके लिए समिति के सदस्य के गांव के ग्रामीण आस पास के अन्य गांव व टोलों के ग्रामीणों से मिल कर इस आनदोलन के लिए जन समर्थन मांग रहे है। यही नही इसके साथ जगह-जगह पुल नही तो वोट नही का बैनर व पोस्टर लगा कर मतदान के वहिष्कार का ऐलान कर रहे।
उनका आरोप है कि कोई भी प्रतिनिधि हमारी दुर्दशा को नही देख रहा है। 50 हजार की आबादी अपना जान जोखिम में डाल कर बांस के पुल से गंजरने को मजबूर है। उनका कहना है कि यहां पीपल के बृक्ष के नीचे एक नेता ने कसम खायी थी कि चुनाव जीतने पर मै इस घाट पर पुल बनवा दूगंा और चुनाव जीतने के बाद वे इसे भूल गये।
अब ऐसा नही होगा। अगर किसी को बोट चाहिए तो पुल बनाना पड़ेगा। इस आन्दोलन को समर्थन दे रहे पिराघाट के टोला जोगनी, बेनिया, राजपुर खास, जयपुर, तवकल टोला, फल टोला, बुटन टोला आदि के ग्रामीण अब मतदान के वहिष्कार का मुड बना चूके है। समाजसेवी शाकिर अली ने जनप्रतिनिधियों पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष चुनाव आते ही वोट के लिए ये सफेदपोश चले आते है। उसके बाद हमें कोई पुछने तक नही आता अब ऐसा नही होगा। पहले पुल उसके बाद से ही वोट मिलेगा। नन्द किशोर, माया देवी, विश्वनाथ, राधिका देवी, भुलई, राजकिशोर सिंह, लल्लन निषाद, विरेन्द्र यादव, राजकिशोर, हरिकिशुन, नगीना यादव, सन्तोष साहनी, चंचल आदि भी जनप्रतिनिधियों पर अपनी भड़ास निकाल रहे।
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