नव वर्ष पर घर आईये...............
नव वर्ष पर घर आईये...............
मधुमति मृदुहंसी, शुभ शरद चांदनी।
प्रीति रसधार बनकर, बरस जाईये।।
नव प्रभा सांवरी सी,ये अनुपम छटा।
मन मुकुर में,इसी छवि से इठलाईये।।
मूक बनकर मुखर है,ये बंकिम नयन।
नव प्रभाती दुलहन सी न शर्माईये।।
छिप न जाये कहीं,रति तुम्हे देखकर।
लीजिये यह निमंत्रण और घर आईये।।
कवि
गोपाल त्रिपाठी
थाना-विशुनपुरा
जनपद-कुशीनगर
मेा0-9889609950
मधुमति मृदुहंसी, शुभ शरद चांदनी।
प्रीति रसधार बनकर, बरस जाईये।।
नव प्रभा सांवरी सी,ये अनुपम छटा।
मन मुकुर में,इसी छवि से इठलाईये।।
मूक बनकर मुखर है,ये बंकिम नयन।
नव प्रभाती दुलहन सी न शर्माईये।।
छिप न जाये कहीं,रति तुम्हे देखकर।
लीजिये यह निमंत्रण और घर आईये।।
कवि
गोपाल त्रिपाठी
थाना-विशुनपुरा
जनपद-कुशीनगर
मेा0-9889609950
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