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कराह रहे किसान, अभी भी मिलों पर बाकी 74 करोड़

हरी गोविन्द चौबे 
टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर  ब्यूरो 
पडरौना, कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में गन्ना मुल्य भुगतान को लेकर किसान कराह रहे है अभी भी पिछले सत्र के गन्ना मूल्य के मद में बाकी पड़ी 74.71 करोड़ रूपये का भुगतान किसानों को नही हो सका।  

कभी गन्ना मुल्य से होने वाली बेटी की शादी भी अब कर्ज के सहारे है। एक समय था कि गन्ना काट कर किसान अपनी बेटी के लिए गहने खरीदता था और धूम-धाम से उसकी शादी करता था। पर आज उसके उलटा हो गया है। आज लगभग सभी किसान कर्ज में ही है। अभी रबी फसलों की खेती के चालू मौसम में खाद, बीज, डीजल, जुताई आदि के लिए आर्थिक तंगी से जूझ रहे है। स्ाििति ऐसी हो गयी है। बेटी की शादी करने वाले इन किसानों को अब अपनी जमीन बन्धक रखने को मजबूर होना पड़ रहा है। 

हालत ऐसी है कि अब किसानों का सरकार ही नही सभी से भरोसा उठने लगा है। किसानों की आश अब भगवान से ही है कि जो कुछ होगा भगवान अच्छा ही करेगा। एक नजर कुशीनगर के मिलों पर डाले तो किसानों ने जनपद की पांचों-खड्डा, रामकोला पंजाब, कप्तानगंज, सेवरही व ढाढ़ा की चीनी मिलों को पिछले पेराई सत्र में कुल लगभग 279 लाख कुंतल गन्ने की आपूर्ति की थी। 

जिसकी कीमत के रूप में देय हुए 7 अरब 67 करोड़ 12 लाख 83 हजार रूपये में से अब तक किसानों को 6 अरब 92 करोड़ 41 लाख 81 हजार रूपये का ही भुगतान हो सका है और 74 करोड़ 71 लाख 2 हजार रूपये अब भी चीनी मिलों पर अभी भी बाकी पड़े हुए हैं।

जिले की खड्डा चीनी मिल ही ऐसी इकलौती चीनी मिल है जिसने पिछले पेराई सत्र में पेरे गये 18.91 लाख कुंतल गन्ने की कीमत के रूप में देय हुई सम्पूर्ण धनराशि 5282.587 लाख रूपये का भुगतान कर चूकी है। 

किसानों का गन्ना मुल्य रखने वाली चीनी मिलों में रामकोला पंजाब चीनी मिल पर सर्वाधिक 24 करोड़ 24 लाख 45 हजार रूपये आज भी बाकी है। वही कप्तानगंज चीनी मिल ने भी अभी 20 करोड़ 5 लाख 89 हजार रूपये का भुगतान नहीं किया है। 

जनपद की सेवरही चीनी मिल ने 11 करोड़ 59 लाख 23 हजार रूपये का भुगतान करना मुनासिब नही समझा है। यही हाल के.के. बिरला ग्रुप की ढाढ़ा स्थित न्यू इण्डिया सूगर मिल का है जहां 18 करोड़ 81 लाख 45 हजार रूपये गन्ना मूल्य के मद में दबाये बैठा है। प्रशासन किसानों के इस भुगतान को चीनी विक्री के सहारे छोड़ दिया है। 

जनपद में गन्ना विकास एवं सम्र्बधन के लिए नियुक्त जिला गन्ना अधिकारी दिलीप कुमार सैनी भी किसानों के बकाया मुल्य के लिए चीनी का भण्डारण दिखा रहे है । उनका कहना है सभी चीनी मिलों के चीनी गोदामों को पहले से ही सील किया जा चुका है। इन गोदामों में भण्डारित चीनी की बिक्री होते ही उससे हासिल होने वाली रकम गन्ना मूल्य के मद में किसानों के खाते में अन्तरित कराने की व्यवस्था की गयी है। 

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