बलात्कारी को हुयी दस साल की सश्रम करावास
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में सत्र न्यायाधीश राधेश्याम सिंह की अदालत ने बलात्कार के एक मामले में अभियुक्त को दस वर्ष के सश्रम कारावास व अर्थदण्ड की दण्डित किया है। अभियुक्त द्वारा अर्थदंड न दिए जाने की दशा में उसे एक साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अभियुक्त घटना बाद से ही जेल में है।
बलात्कार की यह घटना कुशीनगर जनपद के हनुमानगंज थाना क्षेत्र के धरनीपट्टी टोला मकनहा में 6 अक्टूबर वर्ष 2008 की सुबह घटी थी। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे न्यायालय में शासकीय अधिवक्ता अभय कुमार त्रिपाठी का कहना था कि उकत गांव निवासी ममता देवी ने स्थनीय पुलिस को तहरीर देकर बताया कि मेरी पुत्री मनीषा उम्र 14 वर्ष जो कक्षा नौ की छात्रा है, 6 अक्टूबर वर्ष 2008 की सुबह करीब आठ बजे जतन के खेत में चारा काटने जा रही थी।
उसी समय गांव का ही विदेशी उर्फ संतोष चैधरी उसे पास के चंडी भगत के केले के खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया और यह धमकी दी कि घटना के बारे में अगर किसी को बताया तो तुम्हारे परिवार के लोगों की हत्या कर दूंगा। बलात्कार के दौरान मनीषा के बेहोश हो जाने पर विदेशी उसे मौके से छोड़ भाग गया। होश आने पर मनीषा घर आकर आपबीती बताई।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामले में अपराध संख्या-514-2010 धारा-376, 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया। मामले की विवेचना कर पुलिस ने न्यायालय में आरोप-पत्र दाखिल किया। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पांच गवाह तथा बचाव पक्ष की ओर से दो गवाहों ने अपनी गवाही दी।
मामले को सुनने के उपरांत विद्वान न्यायाधीश श्री सिंह ने आरोपी विदेशी को धारा-376 के तहत दस साल का सश्रम कारावास व दस हजार रुपये अर्थदण्ड तथा धारा-506 के तहत एक वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।
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