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कप्तानगंज के गन्ना आन्दोलन का फैसला



दर्जनभर अभियुक्तों को सात-सात वर्ष का सश्रम कारावास

कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में अपर जिला न्यायधीश द्वितीय अदालत ने कप्तानगंज चीनी मिल के यार्ड में गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर हुए आन्दोलन के दौरान तोड़फोड़, मारपीट तथा चीनी मिल कर्मियों एवं पुलिस वालों पर हमला करने के के मामले में 12 अभियुक्तों को सात-सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी। 

साथ ही इन्हें 20-20 हजार रूपये अर्थ दण्ड की देने होगें। अर्थ दण्ड न देने की दशा में तीन-तीन माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी।  इस मुकदमें के एक अभियुक्त नगई पुत्र टीमल ( ग्राम नरहर छपरा) की सुनवाई के दौरान ही मौत हो चुकी है। 

ज्ञातवय हो कि गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर आन्दोलन की तैयारी में जुटे किसान नेता मास्टर राधेश्याम सिंह को शांति भंग के अंदेशे में गिरफ्तार कर लिया गया था। इससे आक्रोशित उनके 150 समर्थकों ने कप्तानगंज चीनी मिल के पड़ाव में पहुंचकर उत्पात मचाया था।

आरोप लगाया गया था कि इन लोगों ने गाडीवानों, ट्रेक्टर चालकों, चीनी मिल के सुरक्षा कार्मियों, अन्य कर्मचारियों के साथ मारपीट, तोडफोड, जानलेवा हमला व मिल की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने की हरकत की है। जिस पर कप्तानगंज के तत्कालीन थानाध्यक्ष एसके मिश्र के तहरीर के आधार पर भारतीय दंड विधान की धारा 147, 148, 323, 332, 307, 337, 352, 353, 427, 338, 504 के तहत यह मुकदमा दर्ज किया गया था। 
इसी मामले में पुलिस द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों, गवाहों के बयान, अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमे की पैरवी कर रहे अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) राधेश्याम शर्मा की दलीलों के मद्देनजर अदालत ने अभियुक्त रहे योगेन्द्र पुत्र बेचन, चन्द्रशेखर उर्फ सुरेन्द्र पुत्र कैलाश, बचाई मिश्र पुत्र बलिकलन (ग्राम पटखौली), सोमली गांव के त्रियुगी पटेल पुत्र रामनरेश, गुड्डू पटेल पुत्र रामनरेश, मुंडेरा गांव के जटाशंकर सिंह पुत्र रामलक्ष्न, गम्भीरपुर गांव के राधेश्याम पुत्र रामनाथ, भडसर खास के रोहित सिंह पुत्र रामपत, कारीतीन गांव के भजुराम मिश्र पुत्र राजा, मलुकही गांव के सुभाषचन्द्र पुत्र त्रिवेणी, सुम्भा खोर गांव के अलगू उर्फ विजय बहादुर पुत्र रामभरत को धारा 307 के तहत 7-7 वर्ष के सश्रम कारावास व दस-दस हजार रूपये जुर्माना, धारा 323 के तहत एक -एक वर्ष का कारावास, धारा 332 के तहत दो-दो वर्ष का कारावास, धारा 337 व 352 के तहत तीन-तीन माह के कारावास, धारा 353 के तहत दो-दो साल के कारावास व धारा 427 के तहत दो-दोवर्ष के कारावास व दस-दस हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनायी गयी।

इस सम्बन्ध में जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) राधेश्याम शर्मा ने बताया कि गुरूवार को इस फैसला को सुनाते हुए हालाकिं धारा 148, 338 व 504 के तहत सभी को दोषमुक्त घोषित कर दिया गया। अभियुक्तों में शुमार रहे सुम्हाखोर गांव के नरई पुत्र टीमल की मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गयी है। 

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