कुशीनगर में एक और प्रशासनिक अधिकारी पर दर्ज हुआ भ्रष्टाचार का मुकदमा
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर मे फिर एक प्रशासनिक अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार एवं अवैध वसूली के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।
कुशीनगर मे तैनात रहे पूर्व जिला पूर्ति अधिकारी द्वारिका प्रसाद त्रिपाठी पर कोतवाली पडरौना में दर्ज यह मुकदमा शासन के निर्देश पर जिला पूर्ति अधिकारी ने दर्ज राया है। वर्ष 2011 के मध्य में तत्कालीन जिला पूर्ति अधिकारी द्वारिका प्रसाद त्रिपाठी पर नियम विरुद्ध कार्य करने एवं भ्रष्टाचार संबंधी कई आरोप लगाए गए थे। कई लोगों की शिकायतों पर शासन ने जांच कराई।
जिसमें खुलाशा हुआ था कि तत्कालीन जिला पूर्ति अधिकारी ने कोटेदारों से अवैध वसूली कर लाखों रुपये दो खातों में भेजवाए थे। इसके अलावा राशन वितरण, दुकानों के निलंबन बहाली में भी काफी धनउगाही की थी।
इस मामलें में संयुक्त सचिव के निर्देश पर जिलाधिकारी रिग्जियान सैंफिल ने द्वारिका प्रसाद त्रिपाठी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए 14 जून को जिला पूर्ति अधिकारी कुशीनगर को आदेश दिया था।
जिस पर मंगलवार को डीएसओ की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने तत्कालीन जिला पूर्ति अधिकारी द्वारिका प्रसाद त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण एक्ट तथा अवैध वसूली की विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया।
जिस पर मंगलवार को डीएसओ की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने तत्कालीन जिला पूर्ति अधिकारी द्वारिका प्रसाद त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण एक्ट तथा अवैध वसूली की विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया।
हालांिकं कि जांच रिपोर्ट के बाद खाद्य रसद आयुक्त अर्चना अग्रवाल ने पिछले माह ही उन्हें निलंबित कर दिया था। इस सम्बन्ध में कोतवाल विजय शंकर तिवारी ने बताया कि वसूली एवं भ्रष्टाचार की विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
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