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भारत एवं बिहार सरकार के खिलाफ 24 जून से आयोजित होगा राष्ट्रीय स्तर पर आन्दोलन


कुशीनगर । महाबोधि महाविहार मुक्ति आन्दोलन समिति के तत्वाधान में बौद्धों के अधिकार की मांग को लेकर 24 जुलाई 2012 के बाद भारत एवं बिहार सरकार के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आन्दोलन करने का निर्णय लिया गया।
 
यदि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री को पूर्व में दिए गए ज्ञापन के संदर्भ में संतोषजनक जवाब नही मिलता है। राष्ट्रीय स्तर पर भारत एवं बिहार सरकार के विरूद्ध जनान्दोलन प्रारम्भ करने हेतु निर्णय लेने पर विचार किया जाएगा।इस सम्बन्ध जानकारी देते हुए समिति के अध्यक्ष भंते आनंद ने कहा कि महाबोधि मंदिर प्रबंधन एक्ट 1949 असंवैधानिक है जिसका संशोधन किया जाना जरूरी है।
 
धारा के अनुसार बिहार सरकार 3 वर्ष हेतु एक समिति गठित करती है जिसमें चार हिन्दू और चार बौद्ध सदस्य नियुक्त होते हैं। गया जिले का डीएम हिन्दू होने पर समिति का पदेन अध्यक्ष होता है। इस प्रकार समिति में बहुमत हिन्दुओं का है। ऐसे में बौद्ध सदस्य चाहकर भी अपने किसी प्रस्ताव को पारित नही करा सकते हैं। यह एक्ट संविधान विरोधी ही नही संविधान में प्रदत्त सामाजिक न्याय और समानता की भावना का दोहन करता है।
 
स्थानीय महापरिनिर्वाण मंदिर से बगैर कोई नोटिस दिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कुशीनगर भिक्षु संघ के दानपात्र को हटाने की कार्रवाई को भंते आनंद ने असंवैधानिक कहा है। उन्होंने कहा कि दानपात्र खोलते समय कुशीनगर भिक्षु संघ का कोई भी प्रतिनिधि उपस्थित नही था। दानपात्र की धनराशि को लेकर जो आरोप लगते रहते हैं उससे प्रशासनिक अधिकारी शक के घेरे में हैं।


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