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विकलांग प्रमाणपत्र सभी स्वास्थ्य केन्द्रों से उपलब्ध करायेे चिकित्साधिकारी-डी.एम.


कुशीनगर । जे.ई./जे. ई.एस. से पीडि़त बर्ष 2009 से बर्तमान समय तक सभी आकड़ें एकत्र किये जाये और सभी विकलांगों के लिए प्रमाण पत्र सभी स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्साधिकारी देना सुनिश्चित करे।

जिलाधिकारी आर सैम्फिल कार्यालय कैम्प पर स्वास्थ्य विभाग के सभी चिकित्सकों के साथ जे.ई./जे. ई.एस. के साथ जननी सुरक्षा योजना सहित अनके कार्यो की समीक्षा बैठक के दौरान सभी चिकित्सकों को उक्त निर्देश देते हुए कहा।

उन्होने बताया कि सभी उप स्वास्थ्य केन्द्रों की सफाई की व्यवस्था वहां के ग्राम प्रधान द्वारा अपने सफाई कर्मी  के माध्यम से सुनिश्चित करायेगें वहां पर तैनात ए.एन एम की भी पूर्ण जिम्मेदारी हो कि उप केन्द्र की साफ-सफाई नियमित बनी रहे। जिलाधिकारी ने बताया कि मेरा प्रयास यह है कि सभी पी एच सीसेन्टर पर तीन डाक्टर अवश्य हो जिससे किसी के दवा इलाज में कोई कठिनाई न उत्पन्न हो । जिलाधिकारी ने मुख्यचिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया कि  जो डाक्टर अपने सेन्टर पर कार्य न करते हुए अपना अलग क्लिनिक चलाते है  औश्र वेतन नियमित रूप से लेते है। उनका वेतन नो बर्क नो पे के तहत हर हाल में काट दी जाये। जिलाधिकारी ने जनपद के उन लोगों का आहवान किया कि जिनके बच्चे विकालांग है और उन्हे विकलांग प्रमाण पत्र न बना हो तो 20 अक्टूबर तक पीएचसी सेन्टर से अवश्य बनवालें ।

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. हरिगोविन्द वर्मा ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि बर्ष 2009 में जे.ई./जे. ई.एस. से ग्रसित बच्चों की संख्या 785 थी। जिसमें 124की मृत्यु हो गयी। बर्ष 2010 में 984 जे.ई./जे. ई.एस.से ग्रसित थें जिसमें 129 की मृत्यु हुयी। वही वर्ष 2011 में 1089 ग्रसित थें जिनमें से 133 की मृत्यु हुयी। बर्ष 2012 में 902 जे.ई./जे. ई.एस. से ग्रसित थें जिनमें 125 की मृत्यु हुयी। वर्ष 2013 में 432 ग्रसित में से 62 की मृत्यु हुयी है । 

जनपद में जे.ई./जे. ई.एस.से पीडि़त बच्चों कें तलाश के लिए कमेटी बनायी गयी है। जो सर्वे करके सभी के आकड़े प्रस्तुत करेगी। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि वे अपने उप स्वास्थ केन्द्र पर कार्यरत ए.एन.एम. को निर्देश दे कि वे जननी सुरक्षा योजना एवं जे.ई./जे. ई.एस.से पीडि़त योजना से सम्बन्धित वाल पेन्टिंग अवश्य करा दे। कार्य में किसी प्रकार की बहाने वाजी किसी की नही चलेगी।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. हरिगोबिन्द वर्मा, डीप्टी सी एम. ओ. एस.पी सिंह, लालता प्रसाद के साथ जिला मलेरिया अधिकारी डा. एस.एन पाण्डेय सहित अन्य चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।

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