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भौतिकता वादी युग में आज भी प्रासांगिक है गांधी के विचार- शिवजी त्रिपाठी



कुशीनगर । महात्मा गांधी के विचार व सिद्धान्त इस भौतिकता वादी युग में भी उतने ही प्रासांगिक है जितने बर्षो पूर्व थे। इन्हे हमे आत्म सात करने की जरूरत है। ये वे सिद्धान्त है जिनका पालन कर गांधी ने देश आजाद कराया था।

उक्त बातें श्री रविन्द्राश्रम संस्कृत उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य व उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षक कल्याण समीति के जिला महामंत्री ने विद्यालय प्रांगण में आयोजित गांधी जयन्ती के अवसर पर कहा। उन्होने कहा कि ऐ अवसर बार-बार नही आते और इन अवसर पर कुछ ऐसे पुनीत कार्य करते रहना चाहिए जिसके प्रभाव से पूरा जग प्रभावित हो।

आज पर्यावरण  असंतुलित हो गया है ऐसी स्थितियों में आजाद भारत प्रदूषण का गुलाम बनता जारहा है जिसके कारण आज समाज अनेको बीमारियों से ग्रसित है। जिसे हमलोग बढा़वा भी दे रहे है। ऐसे में हमें आज संकल्प लेना होगा कि हम कम से कम अपने आयु के बर्ष की तुलना में दो गुने बृक्ष लगाये। ये बृक्ष ही प्रदूषण से गुलाम भारत को आजाद कर पायेगे और हम ही नही पूरा समाज खुशी से जी सकेगा।

कार्यक्रम की शुरूआत ध्वजारोहण के बाद महात्मा गांधी के चित्र में पर माल्यापर्ण कर किया गया और श्री त्रिपाठी ने इस अवसर पर बृक्ष लगा कर गांधी जयन्ती के अवसर पर आमत्रित गणमान्यों को बृक्ष लगाने के लिए प्ररित किया।

इस अवसर पर शिक्षक चन्द्रभूषण तिवारी, साधू, दिवाकर द्विवेदी, राघव सिंह, रविन्द्र तिवारी, दूधनाथ पाण्डेय, सपा नेता जय कुमार त्रिपाठी उर्फ बाबा, गिरजेश, टाईम्स आफ कुशीनगर समाचार पत्र के संस्थापक व बरिष्ठ पत्रकार सहित दर्जनो गणमान्य उपस्थित रहे।

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