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दुष्कर्म के मामले में एक को मिली सात साल की सजा



कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय मनोज कुमार सिंह गौतम की अदालत ने सोमवार को दुष्कर्म दोषी के आरोप सिद्ध होने पर सात साल की कठोर सजा का आदेश दिया है। जबकि इस घटना के सह आरोपी मोतीलाल मास्टर के खिलाफ तीन साल की सजा का आदेश पारित किया है।
अदालत ने अभियुक्तों को क्रमशः दस व पांच हजार रुपये के अर्थदंड से भी दण्डित किया गया है। अदालत ने अर्थदंड न देने की दशा में अभियुक्तों को अतिरिक्त सजा भुगतने का भी आदेश जारी किया है।

न्यायालय में अभियोजन की तरफ से पक्ष रखते हुए शासकीय अधिवक्ता का कथन था कि पांच फरवरी वर्ष 2000 को रामकोला थाना क्षेत्र के गांव दूधपियनी निवासी राममुकुट गौतम ने पुलिस को तहरीर दे बताया कि उनकी नाबालिग बेटी को गांव के ही आनंद, मुकेश, राकेश, कुमार बबिता व मोतीलाल मास्टर ने बहला-फुसला तथा लालच देकर अपहरण कर लिया। काफी तलाश बाद भी लड़की नहीं मिली। पुलिस ने इस मामले में उक्त आरोपियों के खिलाफ नाबालिग के अपहरण का मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना शुरू की।

नाबालिग की बरामदगी बाद आरोपी आनंद द्वारा नाबालिग की इच्छा के विपरीत दुष्कर्म करने की पुष्टि पर मामले में दुष्कर्म की धारा बढ़ाते हुए आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। मामले में प्रस्तुत सात गवाहों के बयान, उभयपक्षों के तर्क व दाखिल पत्रवलियों के अवलोकन उपरांत विद्वान मनोज कुमार सिंह गौतम की अदालत ने अभियुक्त आनंद को सात साल का सश्रम कारावास तथा मोतीलाल मास्टर के खिलाफ तीन साल की सजा का आदेश पारित किया। साथ ही अदालत ने आनंद के खिलाफ दस हजार रुपये व मोतीलाल मास्टर के खिलाफ पांच हजार रुपये अर्थदंड का आदेश सुनाया है।

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