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कुशीनगर में बुद्ध प्रतिमा के क्षरण का खतरा बढ़ा, विभाग उदासीन


कुशीनगर । भगवान बुद्ध की परिनिवार्ण स्थली कुशीनगर में भगवान बुद्ध की लेटी प्रतिमा पर क्षरण का खतरा बढ़ने लगा है। इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कुशीनगर की तरफ से अभी भी कोई विशेष व्यवस्था नही हो सकी है।

ज्ञातव्य हो कि कुशीनगर स्थित महापरिनिर्वाण मन्दिर के अंदर बरसाती पानी को पूर्णतः न रोक पाने के कारण तथागत की लेटी प्रतिमा के नमी से उत्पन्न क्षरण का खतरा बढ़ गया है। क्योकि उत्तर और दक्षिण की खिड़की से बरसात में फूहार अंदर आता है, जिससे नमी उत्पन्न होती है। इससे तथागत की लेटी प्रतिमा प्रभावित होने लगी है । 

बताते चलें कि सन् 1876 में पुरातात्विक खुदाई में प्राप्त पांचवी सदी की 21 फुट लंबी लेटी प्रतिमा के आसन का पहले से ही नमी के कारण क्षरण हो रहा है। हालांकि विभाग ने इसे रोकने हेतु केमिकल ट्रीटमेंट के अतिरिक्त अनेक उपाय भी किया था किंतु क्षरण पर पूर्णतया रोक नही लग पाई। कुशीनगर भिक्षु संघ के उपाध्यक्ष भिक्षु शील प्रकाश ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कुशीनगर से उक्त समस्या के तत्काल स्थाई समाधान की मांग की है। वही इस सम्बन्ध में वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रदीप कुमार त्रिपाठी का कहना है कि उक्त समस्या को दिखवाकर विभाग से अनुमति लेकर शीघ्र ही स्थाई समाधान करवाया जाएगा।

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