कुशीनगर मे डीएम ने बिना एनओसी के जारी किया बालू खनन का पट्टा, प्रदर्शन जारी
टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से होकर गुजरने वाली गंडक नदी में एपी बांध के करीब बालू खनन के लिए बाढ़ खण्ड से विना एनओसी लिये जिलाधिकारी कुशीनगर द्वारा जारी किया गया पट्टा चर्चा का विषय बन गया है। इधर अंधाधुंध बालू खनन से बांध पर आने वाले खतरे को लेकर बाढ़ प्रभावितो के समर्थन मे स्थानीय कांग्रेस विधायक ने पट्टा निरश्त होने तक प्रदर्शन जारी रखने का निर्णय लिया।
बाढ़ खंड़ के अधिशासी अभियंता ने एपी बांध के सटे पोकलैंड मशीन से हो रही अंधाधुंध खनन को एपी बांध व बाढ़ की त्रासदी के लिए काफी खतरनाक मानते हुए डीएम को पत्र भेज कर आग्रह किया है कि बालू खनन को तत्काल रोका जाए, क्योंकि अराजक तत्वों द्वारा बालू खनन किया जा रहा है। इतना ही नहीं विधान सभा में कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू भी बाढ़ प्रभावितों के साथ एपी बांध पर बिरवट कोन्हवलिया गांव के सामने बालू खनन रोकवाने के लिए अनशन पर बैठे हैं।
ज्ञातव्य हो कि जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी के हस्ताक्षर से अहिरौलीदान-पिपरा बांध के करीब गंडक नदी से सटे बालू क्षेत्र में बालू खनन का पट्टा जारी कर दिया गया। जब बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता भरत राम ने डीएम को बालू खनन को अवैध बताते हुए तत्काल बालू खनन रोकवाने के लिए पत्र जारी किया जो जिला प्रशासन सकते में आ गया। बाढ़ खंड ने तो पट्टाधारकों को अराजक तत्व तक मान लिया है। इनका तर्क है कि मेरे विभाग द्वारा न तो किसी ने एनओसी के लिये आवेदन ही किया है और न ही हमने एपी या किसी बांध से सटे बालू खनन के लिए एनओसी ही जारी किया है। इतना ही नही जब उनसे यह पूछा गया कि पट्टा जारी करने वाली कमेटी में तो आप भी होंगे, इस पर उन्होंने बताया कि मुझे तो पता ही नहीं है कि कब पट्टा हो गया। न तो कमेटी में मुझे रखा गया था और न हीं मेरे संज्ञान में लाया गया था। डीएम को भेजे पत्र में अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड ने लिखा है कि एपी बांध के 6.900 से 9.000 किमी के मध्य बीरवट कोन्हवलिया के समीप अराजक तत्व जिस जगह से बालू का खनन कर रहे हैं, उस स्थान की दूरी बांध से 200 मीटर ही है।
यह तटबंध अत्यंत ही संवेदनशील है, जो बिहार व यूपी की सीमा को जोड़ता है। गंडक नदी उक्त स्थल पर प्रतिवर्ष लम्बवत कटान करती हुई बंधे के करीब पहुंच रही है तथा हर वर्ष 50-60 मीटर की दूरी में उपजाऊ भूमि को भी काटती है। उक्त स्थल पर बालू खनन से नदी की धारा बाढ़ अवधि में अत्यधिक तीव्र होगी, क्योंकि वहां एक नया स्पिल बन सकता है, जो बांध के लिए अत्यंत ही खतरनाक साबित होगा ।
इस सम्बन्ध में डीएम आन्द्रा वामसी ने बताया की अभी में इस मुद्दे पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं। हाईकोर्ट से लौटते ही जारी पट्टे की नए सिरे से समीक्षा करूंगा।
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अजय कुमार तिवारी
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