वाल्मीकि ब्याघ्र परियोजना को आडिट करने पहुची जी टी एफ की टीम
टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो
कुशीनगर। गंडक नदी के किनारे उत्तर प्रदेश के कुशीनगर की सीमा पर स्थित मदनपुर जंगल मे शनिवार को बाघों के संरक्षण व उनकी संख्या बढ़ाने को लेकर ग्लोबल टाइगर फोरम की चार सदस्यीय टीम जंगल पहुँच गयी।
टीम अपने इस तीन दिवसीय दौरे मे वाल्मीकि ब्याघ्र परियोजना से आच्छादित मदनपुर जंगल में बाघो के सिक्योरिटी की आडिट शुरू कर दी है। यह आडिट तीन दिनों तक चलेगी और इसके बाद परियोजना में बाघों का शिकार रोकने के साथ ही ट्रेन व अन्य हादसों की रोकथाम के साथ बाघों की संख्या बढ़ाने की योजनाओं पर रिपोर्ट सौपेगी।
ज्ञात हो कि बाघों व अन्य वन्य जीवों की मानीटरिंग करने के लिए इस परियोजना क्षेत्र में पहले से ही जीपीएस सिस्टम की मदद ली जा रही है। बीते कुछ वर्षों में वाल्मीकि ब्याघ्र परियोजना से आच्छादित इस जंगल से आधा दर्जन बाघों की असमय मौत हो चुकी है। ब्याघ्र परियोजना के अधिकारियों की मानें तो इस समय क्षेत्र में 40 बाघ मौजूद हैं। इसी को लेकर यह आडिट का काम शुरू हुआ है।
इस संबंध में परियोजना के प्रमंडल दो के डीएफओ अमित कुमार ने बताया कि टीम द्वारा बाघों को ट्रेस करने जैसे जीपीएस मानीटरिंग, बाघों की संख्या में बढोत्तरी, वनवर्ती आबादी पर असर आदि का आंकलन किया जायेगा।
बताते चले कि ग्लोबल टाइगर फोरम बाघों की सुरक्षा करने वाला अंतरराष्ट्रीय फोरम है, जिसमें भारत समेत 13 और देशों के सदस्य हैं। फोरम में भारत के कुछ बाघ विशेषज्ञ भी शामिल हैं। जो समय-समय पर अपनी प्रतिक्रिया भी देते है। इससे परियोजना क्षेत्र में बाघों को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी।
जय कुमार त्रिपाठी
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