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पडरौना चीनी मिल के नीलामी को लेकर बढ़ने लगी सरगर्मी


टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरों
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में करीब सात वर्षों से बंद पड़ी पडरौना चीनी मिल को लेकर अब फिर से सरगर्मी बढ़ने लगी है। एक तरफ तहसील प्रशासन ने इस चीनी मिल पर लगी आरसी की वसूली के लिए नीलामी की तिथि मुकर्रर कर दी है तो वहीं किसानों के एक संगठन ने डीएम को ज्ञापन सौंपकर प्रस्तावित नीलामी को स्थगित करने की मांग करनी शुरू कर दी  है।
ज्ञात हो कि कुशीनगर के पडरौना चीनी मिल की नीलामी के लिए तहसील प्रशासन ने एक बार फिर कार्य करना शुरू कर दिया है। जिसके सापेक्ष पडरौना चीनी मिल पर कुल इक्यापन करोड़ इकतीस लाख छब्बीस हजार चार सौ सत्रह रुपये की आरसी हुई है, जिसकी वसूली चीनी मिल की नीलामी के जरिए की जानी है। वसूली को पूर्ण करने के लिए तहसील प्रशासन ने इसकी नीलामी की तिथि 22 अक्टूबर को तय कर दी है।
इस नीलामी से जेएचवी डिस्टीलरीज एंड शुगर मिल्स लिमिटेड पडरौना के द्वारा भुगतान न होने की दशा में गन्ना मूल्य तीन करोड़ 18 लाख 11 हजार और अध्याशी जेएचवी सुगर मिल्स लिमिटेड एंड ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन लिमिटेड पडरौना (पूर्व नाम कानपुर सुगर वर्क्स लिमिटेड इकाई पडरौना) पर गन्ना मूल्य का बयालिस करोड़, 97 लाख 21 हजार रुपये का आरसी है। इसी तरह मेसर्स जेएचवी डिस्टीलरीज एंड सुगर वर्क्स लिमिटेड 13 लाजपतनगर मलदहिया वाराणसी (मेसर्स जवाहर लाल जायसवाल फैक्ट्री स्थल दरबार रोड, पडरौना) पर व्यापार कर की तीन आरसी क्रमशः पैसठ लाख पांच हजार छह सौ उन्तालीस रुपये, बहत्तर लाख चालीस हजार पांच सौ छब्बीस रुपये और एक करोड़ पंद्रह लाख तिरसठ हजार उन्चास रुपये है। इसके अलावा जेएचवी डिस्टीलरीज एंड शुगल मिल्स लिमिटेड पडरौना पर उप श्रमायुक्त के यहां की मजदूरी का तिरानबे लाख इक्यानबे हजार दो सौ तीन रुपये और भविष्य निधि की एक करोड़ आठ लाख चैंतीस हजार रुपये की आरसी हुई है। 
एक तरफ प्रशासन मिल की नीलामी कर बकाये की धनराशि को किसी तरह निकालने में लगी हैं वही भारतीय किसान संघ उत्तर प्रदेश के गोरक्ष प्रांत के महामंत्री छोटेलाल सिंह ने चीनी मिल की नीलामी की तारीख तय कर दिए जाने की जानकारी होने पर डीएम को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने मांग की है कि इस चीनी मिल को संचालित करने के लिए लीज पर लेने वाले जेएचवी शुगर वर्क्स से बकाया रकम की वसूली की जाए, न कि चीनी मिल को नीलाम किया जाए। क्योंकि जेएचवी शुगर वर्क्स ने इसे संचालित कर तीन किस्तों में बकाया गन्ना मूल्य, श्रमिकों के पारिश्रमिक आदि का भुगतान करने का भरोसा दिलाया था। वही एक किसान बिंदवलिया गांव निवासी शिवनाथ गोंड ने बताया कि पडरौना चीनी मिल पर उनके बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान अब तक नहीं मिला। चीनी मिल की स्थिति दिन ब दिन बदतर होती गई और अब नीलामी होने वाली है। वही मिल मजदूर अपने बकाये वेतन को व्याज सहित भुगतान करने की मांग कर रहे है। सिक्योरिटी इंचार्ज रहे लालमणि पांडेय ने बताया कि उनके वेतन का करीब 11 लाख रुपये बकाया है, लेकिन मिल प्रशासन ने भुगतान नहीं किया। ब्वायलर इंचार्ज का काम कर चुके उमेश ने कहा कि के अनुसार उनके वेतन का लगभग पांच लाख रुपये बाकी है। उनकी मांग है कि इस रकम का ब्याज सहित भुगतान मिलना चाहिए। ऐसे में चीनी मिल को लेकर 22 अक्टूबर को होने वाली निलामी पर पडरौना में राजनीति गरमाने लगी है। मजदूर से लेकर किसान संगठन तक मिल को बिना नीलाम किये अपने धनराशि की अदायगी चाहते है वही जिला प्रशासन अपनी वसूली के लिए इसे नीलाम करने में लगा है। इसके पूर्व भी प्रशासन ने इसके नीलामी की प्रक्रिया अपनायी थी लेकिन नही हो सकी । अब प्रशासन इसे 22 अक्टूबर को नीलाम करने की पुरजोर कोशिश में लगा है। 
 कुमार अजय त्रिपाठी

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