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कुशीनगर में 12 वर्षो से तैनात एक अवैध शिक्षिका का हुआ खुलाशा, विभाग को नही लगी भनक


टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरो
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में शिक्षक भर्ती चयन में हुए एक और फर्जीवाड़े का खुलाशा हुआ है। यह मामला एक ही व्यक्ति की डिग्री पर चार जिलों में तैनाती का है। जिसमें दो जिलों में आरोपितों के खिलाफ कार्यवाही पूरी हो गई थी। लेकिन कुशीनगर में अधर लटका रहा।

फर्जीवाड़े का सहारा लेकर काम कर एक शिक्षिका कप्तानगंज ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय लखिमा में पिछले 12 सालों से तैनात होकर वेतन लेती रही थी और आश्चर्य की बात है कि विभाग को इसकी भनक तक नही लगी थी। सिद्धार्थनगर जिले के एक विद्यालय में तैनात शिक्षिका की शिकायत पर एक नाम और एक डिग्री से चार जिलों में तैनाती का मामला सामने आया। विभाग ने आरोपी शिक्षिका को निलंबित कर बीईओ व लेखाधिकारी को जांच अधिकारी नामित कर रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलने पर शिक्षिका के खिलाफ केस दर्ज कराकर बर्खास्तगी के साथ सरकारी राजस्व की वसूली की कार्यवाही की जाएगी।

ज्ञात हो कि विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच की पूनम पांडेय पत्नी आलोक पांडेय की वर्ष 2006 में सिद्धार्थनगर जिले के एक परिषदीय स्कूल में तैनाती मिलने के बाद मौजूदा समय में बांसी ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय बरदही नानकार में कार्यरत है। पूनम पाण्डेय के नाम से चार जिलों शिक्षिका नियुक्त होने की जानकारी स्वयं पुनम पाण्डेय को भी नही थी। जब पूनम पांडेय द्वारा आईटीआर दाखिल किया जा रहा था तब मामला पकड़ में आया। आईटीआर दाखिल करने के दौरान आधार कार्ड व पैनकार्ड अपलोड किया जाता है। इस दौरान शिक्षिका द्वारा दाखिल करने पर पहले से इस नाम का आईटीआर दाखिल होने की जानकारी होने पर शिक्षिका के होश उड़ गए और उसने मामले की छानबीन करनी शुरू की।

पूनम पांडेय ने शासन में शिकायत करने के साथ हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया कि उसकी डिग्री पर महराजगंज, देवरिया व कुशीनगर जिले में शिक्षिका बनकर वेतन ले रहीं हैं। जिसके बाद कोर्ट ने उप्र प्रदेश सरकार को इस मामले में कार्यवाही का आदेश दिया। शासन के निर्देश पर हुई कार्यवाही में मामला सत्य साबित हुआ। जिसके बाद देवरिया व महराजगंज जिले में फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाली शिक्षिकाओं पर कार्यवाही पूरी हो गई, लेकिन कुशीनगर में विभाग को इस बात की भनक तक नही लगी।  

शासन के निर्देश और पूर्व माध्यमिक विद्यालय बरदही की शिक्षिका पूनम पांडेय ने 10 सितंबर 2018 को डीएम से शिकायत कर कार्यवाही की मांग की। डीएम के आदेश पर बीएसए अरुण कुमार और बीईओ कप्तानगंज सत्यप्रकाश कुशवाहा ने कप्तानगंज ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय लखिमा में तैनात शिक्षिका पूनम पांडेय के कागजातों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत किया। प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध होने पर बीएसए ने बीईओ के अलावा पीड़ित व आरोपित शिक्षिका को पक्ष रखने के लिए रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजकर 19 सितंबर को कार्यालय में बुलाया। आरोपित शिक्षिका द्वारा उक्त तिथि पर उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं करने पर बीएसए ने प्रथम दृष्टया फर्जी साक्ष्यों के आधार पर नौकरी करने के आरोप में शिक्षिका को निलंबित कर बीआरसी कप्तानगंज में संबद्ध कर दिया। वही दुसरी तरफ बीएसए ने पूरे मामले की जांच के लिए वित्त एवं लेखाधिकारी व बीईओ कप्तानगंज को जांच अधिकारी नामित कर जांच आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जिससे कि शिक्षिका के खिलाफ एफआईआर, बर्खास्तगी व वूसली की कार्यवाही की जा सके। उक्त मामला के खुलाशा होने के बाद शिक्षिका स्कूल से नदारद है।

ऐसा नही है कि कुशीनगर का यह पहला मामला हो। इसके पूर्व बीटीसी 2010 चयन में जिले में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था। इस मामले में डायट प्राचार्य मीरा त्रिपाठी को जेल भी जाना पड़ा। इसके बाद से शिक्षा माफियों की नजर कुशीनगर पर बनी रहती है। बीटीसी 2010 बैच की ट्रेनिंग में जिम्मेदारों ने 100 सीट पर 200 प्रशिक्षुओं का चयन कर प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। इसमें कम मेरिट वाले आवेदकों को शामिल कर अधिक मेरिट वाले को छांट दिया गया था। पीड़ित आवेदकों की शिकायत पर डीएम ने डायट प्राचार्य मीरा त्रिपाठी समेत एक अन्य कर्मचारी पर मुकदमा दर्ज कर जेल भिजवा दिया।

इस सम्बन्ध में अरुण कुमार जिला वेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि ‘‘शासन व जिलाधिकारी के निर्देश पर मामले की जांच कराई जा रही है। प्रथम दृष्टया साक्ष्य फर्जी होने के आधार पर शिक्षिका को निलंबित कर बीआरसी कप्तानगंज में अटैच किया गया है। जांच अधिकारियों की रिपोर्ट मिलने पर शिक्षिकों को बर्खास्त कर केस दर्ज कराने के साथ वसूली की कार्रवाई की जाएगी।’’
 कुमार अजय त्रिपाठी

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