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नेपाल की काली नदी से कुशीनगर में बाढ़ का दिखा खौफ

टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो 
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से होकर गुजरनें वाली नारायणी नदी (गण्डक) में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। वाल्मीकि नगर बैराज से नारायणी नदी में डिस्चार्ज बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। पुलिस ने गांवों में घूमकर लोगों को नदी से दूर रहने के लिए अगाह किया है। इधर सिंचाई विभाग के भी कर्मचारी भी अलर्ट हो गए हैं। 

इसके पीछे नेपाल में भूकंप के बाद काली नदी के पास भूस्खलन होना मुख्य कारण बताया जा रहा है। चूकि नारायणी नदी के समीप होने के कारण कुशीनगर के खड्डा इलाके में नदी के पार बसे गांव नरायनपुर, हरिहरपुर, मरचहवा, शिवपुर, बसंतपुर, बकुलादह, बालगोबिंद छपरा और बगल के महराजगंज जिले के गांव सोहगीबरवा, शिकारपुर नौका टोला सहित कई गांवों के लोग रविवार को अपने-अपने काम में व्यस्त थे। लोगों के मुताबिक शिवपुर और आसपास के गांवों में रविवार की सुबह से ही महराजगंज जिले के सोहगीबरवा थाने के सिपाहियों से अगाह कर दिया है कि नारायणी नदी में नेपाल से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा सकता है। लोगों को सतर्क रहे है। साथ ही नदी के किनारे न जाये। इसके बाद इन गांवों में हलचल मच गई है। शिवपुर गांव निवासी निजामुद्दीन के घर लगे लाउडस्पीकर से लोगों को सचेत किया जाने लगा। नदी किनारे खेतों में काम करने गए लोगों को मोबाइल हैंडसेट से सूचना देकर घर बुला लिया गया है। इन किसानों को जब इसकी वजह मालूम हुई तो वे खेतों से घर की ओर चल दिए। जवाहिर कुशवाहा, निजामुद्दीन, अनिल, बदरी आदि का कहना है कि उन्होंने परिवार के साथ सुरक्षित स्थानों पर जाने की तैयारी शुरू कर दिये है।
इस बारे में बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता बीपी सिंह का कहना है कि नेपाल में काली नदी में भूस्खलन से पानी तेजी से गंडक नदी में गिर रहा है। इससे नदी का जलस्तर बढ़ सकता है। हालांकि इससे घबराने की जरूरत नहीं है। विपरीत हालात से निपटने की तैयारी की जा रही है। वहीं सोहगीबरवा के एसओ धनंजय सिंह ने बताया कि वायरलेस से सूचना आई थी कि दोपहर में नेपाल नदी में पानी छोड़ने वाला है लिहाजा गांववालों को सतर्क कर दिया जाए, इसीलिए उनको अलर्ट किया गया है।

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